हिसार

लघु सचिवालय के समक्ष आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन के आह्वान पर धरना जारी

विभाग विरोधी व जनविरोधी फैसले के खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगी आंगनवाड़ी महिलाएं : बिमला राठी

हिसार,
आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्परस यूनियन ने राज्य सरकार एवं विभागीय मंत्री से अपील की है कि वे आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्लेवे स्कूलों के नाम पर निजी एनजीओ को देने का फैसला तुरंत रद्द करें। इसके साथ ही यूनियन ने वर्ष 2018 में किया गया समझौता भी तुरंत लागू करने की मांग की है।
यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने आंगनवाड़ी महिलाओं के धरने को संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि कि आंगनबाड़ी को एनजीओ की गोद में न दिया जाए व नई शिक्षा नीति-2020 रद्द की जाए, आगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए व जो सुविधा एक कर्मचारी को मिलती है वही सुविधा उन्हें दी जाए। उन्होंने मांग की कि वर्ष 2018 का समझौता लागू किया जाए अन्यथा आंदोलन न केवल जारी रहेगा बल्कि और गति पकड़ेगा। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी महिलाएं निजी एनजीओ के नीचे काम नहीं करेंगी।
यूनियन की जिला सह सचिव सुशीला जांगड़ा ने कहा कि आंगनवाड़ी महिलाओं की हालत विभाग ने खराब कर रखी है, हमे विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्य के लिए रजिस्टर मुहैया नहीं करवाए जा रहे, हमें अपने स्तर पर रजिस्टर व अन्य सामग्री खरीदकर अपना रिकॉर्ड पूरा करना पड़ता है। हमारी सप्लाई राशन वितरण को कहीं भी उतार दिया जाता है जो हमें खुद किराया लगाकर तथा अन्य परेशानी के साथ वह राशन इधर-उधर से लाना पड़ता है, ऑफिस में मीटिंग के नाम पर बार-बार बुलाया जाता है परंतु हमें आने-जाने का कोई किराया नहीं दिया जाता है, एक ही रिपोर्ट बार-बार सुपरवाइजर द्वारा मांगी जाती है, या तो वह अपना रिकॉर्ड पूरा नहीं करती है या फिर बेमतलब परेशान करती हैं। इसके अलावा हमारी आंगनबाड़ी का किराया भी समय पर नहीं दिया जाता हैं और वेतन के नाम पर मानदेय जो सरकार देती वह भी कभी टाइम पर नहीं मिलता।
आंगनवाड़ी महिलाओं के 26वें दिन के धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान बिमला राठी ने की जबकि राजबाला सहारण ने संचालन किया। अग्निशमन संगठन के राज्य सचिव देवेन्द्र लोहान व जिला वरिष्ठ उप प्रधान जसबीर श्योकंद ने मौके पर पहुंचकर आंगनवाड़ी महिलाओं के आंदोलन का समर्थन किया। धरने में उपरोक्त के अलावा मुख्य रूप से सिलोचना, कैलाश, कमलेश मदीना, कमला, अंजना, मुकेश हसनगढ़, कमला देवी, धीरणवास से राजबाला, सुमन, गीता, मंजू, चमेली, किरतान से संतोष, अंगूरी, सरस्वती, फूला, सरोज, कुसुमलता, सरोज, गोरछी से राजबाला, जोगिंद्र, संतोष, गावड़ से गीता, सुमन, हिसार-1 से सरोजनी, राजबाला रावतखेड़ा, बिमला तलवंडी, सुषमा चारनौंद, प्रेम, रोशनी पायल, हिसार-2 से ममता, सुनीता, सुमन, चंद्रमुखी, दर्शना, रोशनी, ओमपति, हांसी-1 से केसर, पूनम, कृष्णा, कांता, निर्मला, ज्योति, हांसी-2 से मोना, आरती, वीना, उषा, सुदेश, राजकुमारी, वैदकोर, उषा देवी, उषा, कलावती, पवन कुमारी, उर्मिला, कृष्णा, गुड्डी, राजबाला, कृष्णा, दानी, कमलेश, कांता, कविता, सुनहरी, दर्शना, कमलेश, सरला, निशा, शीला, अनिता, सुमन राठी व निर्मला सहित अनेक महिलाएं मौजूद रही।

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