हिसार

आंगनवाड़ी महिलाएं 24 करेंगी पंचकूला कूच, होगा प्रदेश स्तरीय धरना: बिमला राठी

रोडवेज नेता किरमारा ने की विभाग द्वारा दिए जा रहे नोटिसों की निंदा

हिसार,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने के विरोध में व वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करवाने की मांग पर आंदोलनरत आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन ने सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ कड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 24 नवम्बर को प्रदेशभर की आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर पंचकूला स्थित मुख्यालय में धरना देंगी। इसके बाद भी संबंधित अधिकारियों व सरकार के कानों तक आवाज नहीं पहुंची तो वहीं पर विचार-विमर्श करके आगामी आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।
यह बात यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने लघु सचिवालय के समक्ष धरने व क्रमिक अनशन पर बैठी आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने राज्य कमेटी के फैसले से अवगत करवाते हुए कहा कि इतने लंबे आंदोलन के बाद भी जब सरकार, मंत्री व अधिकारी हठधर्मिता पर अड़े हैं तो आंदोलन तेज करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। यूनियन ने पूरा प्रयास किया कि शांतिपूर्ण व जिला वाईज धरनों के माध्यम से मंत्री व अधिकारियों तक आवाज पहुंचाई जाए लेकिन वे सब महिलाओं के आंदोलन को हल्के में लेते हुए दरकिनार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन तेज करते हुए सभी आंगनवाड़ी महिलाएं 22 व 23 नवम्बर को तो पूर्व की भांति अपने-अपने जिलों में ही धरने देंगी और 24 नवम्बर को पूरे प्रदेश की आंगनवाड़ी महिलाएं पंचकूला स्थित मुख्यालय पहुंचकर प्रदेशभर का धरना देंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछली बार भी आंगनवाड़ी आंदोलन को हल्के में लिया था और अनेक तरह की प्रताडऩा की कार्यवाही की थी लेकिन बाद में सरकार को बातचीत के लिए टेबल पर आना पड़ा था। अब भी समय है, यदि सरकार नहीं चेती तो यह एक बहुत बड़ा आंदोलन बन जाएगा।
आंगनवाड़ी महिलाओं के धरने पर पहुंचे रोडवेज नेता दलबीर किरमारा ने भी सरकार की हठधर्मिता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी महिलाएं अपना हक मांग रही है और किया गया समझौता लागू करने की मांग कर रही है लेकिन अफसोस की बात है कि उन्हें इसके लिए भी सडक़ों पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही आंगनवाड़ी महिलाओं से बातचीत करके समस्या का समाधान नहीं किया तो रोडवेज कर्मचारी भी उनके समर्थन में आने को मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे नोटिसों के माध्यम से आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को डराना व दबाना बंद करें।
उधर, लघु सचिवालय के समख आंगनवड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन का धरना 51वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता बिमला राठी व कलावती बरवाला ने की जबकि पार्वती एवं सुशीला गगनखेड़ी ने संयुक्त रूप से किया। इस दौरान कमलेश गुंजार, जमना सुंडावास, राजेश खारिया, मंजूबाला माडा नारनौद व अंगूरी किरतान क्रमिक अनशन पर बैठी। आंगनवाड़ी महिलाओं ने इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रताडऩा के आरोप लगाए।

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