पूछा- कामचोर कर्मचारियों को बचाने के लिए आखिर मजबूर क्यों हैं डिपो महाप्रबंधक
हिसार,
रोडवेज के हिसार डिपो के महाप्रबंधक विभाग महानिदेशक के आदेशों की पालना की बजाय उनके आदेशों को हवा में उड़ाने का काम कर रहे हैं।
यह बात हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के राज्य प्रभारी राजपाल नैन ने एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि डिपो महाप्रबंधक महानिदेशक की पालना करने की बजाय कामचोर कर्मचारियों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिपो महाप्रबंधक कामचोर कर्मचारियों को बचाने के लिए आखिर मजबूर क्यों हैं। राज्य प्रभारी राजपाल नैन ने कहा कि हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने विभाग हित में नियमानुसार कार्य करने तथा कर्मचारियों की मांगों के समाधान की मांग को लेकर डिपो महाप्रबंधक को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए एक दिसंबर को घेराव करने की चेतावनी दी थी। जिस पर डिपो महाप्रबंधक ने तालमेल कमेटी को बातचीत के लिए बुलाया था, जिसमें डिपो महाप्रबंधक ने तालमेल कमेटी की सभी मांगों को जायज बताया था और तत्काल प्रभाव से 51 चालकों व 31 परिचालकों को मार्ग पर चलने के आदेश जारी करने की बात कही थी। उक्त सभी जूनियर कर्मचारी अपनी मूल ड्यूटी मार्ग पर चलने की बजाय दायं-बायं बैठे हुए थे। डिपो महाप्रबंधक ने तालमेल कमेटी की अन्य समस्याओं व मांगों का समाधान करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। इस दौरान तालमेल कमेटी ने महाप्रबंधक को आश्वासन दिया था कि नियमानुसार व सही कार्य में तालमेल कमेटी रोडवेज प्रशासन का पूरा साथ देगी, परंतु कर्मचारियों से भेदभाव व ज्यादती बर्दाश्त नहीं करेगी। डिपो महाप्रबंधक के आश्वासन के बाद तालमेल कमेटी ने एक दिसंबर का घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। महाप्रबंधक द्वारा मांगों का एक सप्ताह का समय पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक मांगों व समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कई ब्रांचों में सीनियर की बजाय जूनियर कर्मचारियों को इंचार्ज लगाया हुआ है और वो कई सालों से उन्हें सीटों पर जमे हुए हैं, जो मुख्यालय के आदेशों की सरासर उल्लंघना है।
यूनियन राज्य प्रभारी राजपाल नैन ने कहा कि डिपो महाप्रबंधक को महानिदेशक परिवहन विभाग के आदेशों को हवा में उड़ाने की बजाय ईमानदारी व निष्पक्ष भाव से काम करना चाहिए। महानिदेशक के आदेशों के अनुसार जूनियर कर्मचारियों को मार्ग पर लगाया जाए तथा सीनियर कर्मचारियों से कार्यालय में कार्य करवाया जाए। इसके अलावा विभाग द्वारा निर्धारित 1200 किलोमीटर व आठ घंटे की ड्यूटी समेत सभी समस्याओं समाधान जल्द ही समाधान नहीं हुआ तो तालमेल कमेटी किसी भी समय महाप्रबंधक का घेराव या चक्का जाम जैसा कदम उठाने को मजबूर होगी, जिसकी पूरी जिम्मेवारी रोडवेज प्रशासन की होगी।