सरकार ने धान पर एक बार फिर से एचआरडीएफ में बढ़ोतरी करके आढ़ती, मिलर्स व किसान विरोधी चेहरा दिखाया
हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व हरियाणा कॉन्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने कहा है कि हरियाणा में धान पर 0.5 प्रतिशत मार्केट फीस व 0.5 प्रतिशत एसआरडीएफ थी मगर सरकार ने इसे बढ़ाकर पिछले दिनों दो प्रतिशत मार्केट फीस व एचआरडीएफ 0.5 प्रतिशत कर दी। अब सरकार ने फिर से गत 11 जनवरी को मेमो नंबर 11565/11702 के तहत एचआरडीएफ 0.5 पैसे से बढ़ाकर दो प्रतिशत व दो प्रतिशत मार्केट फीस दोनों मिलाकर धान पर 4 प्रतिशत मार्केट फीस करके आढ़ती, मिलर्स व किसानों की कमर तोडऩे का काम किया है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि यह सरकार आढ़ती, मिलर्स व किसान विरोधी है। सरकार ने धान पर मार्केट फीस एक प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत करके अपना असली चेहरा दिखा दिया है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जीएसटी लागू करते समय घोषणा की थी कि एक देश एक टैक्स होगा। केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत अनाप-शनाप टैक्सों में बढ़ोतरी कर दी है तो देश व प्रदेश में सरकार को अपने वादे के अनुसार मार्केट फीस हटानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में राइस मिलें लगातार बंद हो रही है और मंडियों में आढ़तियों का व्यापार कम होता जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मांग की कि धान व गेहूं पर मार्केट फीस जो चार प्रतिशत है उसे घटाकर मार्केट फीस व एचआरडीएफ दोनों मिलाकर अधिकतम एक प्रतिशत की जाए ताकि प्रदेश के आढ़ती, मिलर्स व किसानों को राहत मिल सके।