हिसार,
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के नेशनल हेल्थ मिशन के तहत आयुष्मान भारत अभियान की कड़ी में स्कूली शिक्षकों को हेल्थ एंबेसडर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का मकसद स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने के साथ-साथ समाज में फैली लैंगिक असमानता, इंटरपर्सनल रिलेशनशिप, सोशल मीडिया के फायदे व नुकसान के बारे में अवगत करवाना हैं। डाइट मात्रश्याम की प्राचार्या मिनी आहुजा द्वारा संचालित हेल्थ कार्यक्रम में डॉ. राजदेव, डॉ. अनिता राजपाल, रजत बामल, अनिल बूरा सहित दूसरे विभागों के अधिकारियों ने शिक्षकों को प्रशिक्षित किया।
शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य रूप से 11 मॉड्यूल्स को शामिल किया गया, जिनमें लैंगिक असमानता, इंटरपर्सनल रिलेशनशिप, तनाव, दूसरों की भावनाओं को समझना, यौन समस्याएं, स्वास्थ्य समस्याएं, ग्रोइंग अप हेल्थ, इमोशनल वैल बींग, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य, खुद की भावनाएं समझना, एचआईवी एड्स, चुनौतीपूर्ण भावनाएं, अपनी ताकत पहचानना, मेरी मूल शक्ति मेरे पास, सोशल मीडिया के ओवर यूज प्रभाव, जंप फॉरवर्ड एंड रेस विद पेस, रिस्क फेक्टर, सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव व साइबर ठगी से बचाव विषय आदि शामिल हैं। स्वास्थ्य मिशन अभियान के तहत डॉ. तुषार मेहता, डॉ. संदीप पाली व डॉ. रामनिवास ने अपने व्याख्यान दिए।
प्रशिक्षण समापन के पांचवें दिन डाइट मात्रश्याम मिनी आहुजा ने कहा कि यह प्रशिक्षण बच्चों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा। बच्चों को अच्छाइयों-बुराइयों की जानकारी मिल सकेगी और उनकी समस्याओं का निदान करने में बच्चे स्वयं सक्षम हो सकेंगे। हिसार खंड दो की बीईओ सुनीता ने प्रशिक्षण समापन को संबोधित किया और शिक्षकों को इन जानकारियों को बच्चों के जहन में उतारने का आह्वान किया।