हिसार

आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों ने किया विधायक जोगीराम के आवास के समक्ष प्रदर्शन

सरकार नहीं मानी तो 14 को करनाल में डाला जाएगा पड़ाव

हिसार,
पिछले लंबे समय से आंदोलन चला रही आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन के आह्वान पर वर्करों व हेल्परों ने हिसार में विधायक जोगीराम सिहाग के आवास के समक्ष प्रदर्शन किया। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार नहीं मानी तो 14 फरवरी को करनाल में मुख्यमंत्री आवास के समक्ष पड़ाव डाला जाएगा।
अपने आंदोलन के चलते आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों ने 66वें दिन लघु सचिवालय के समक्ष धरनास्थल से एकत्रित होकर विधायक जोगीराम सिहाग के आवास की ओर से कूच किया। आज के धरने की अध्यक्षता सुमन धांसू ने की जबकि संचालन कृष्णा शर्मा व राजकली ने किया। आंगनवाड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए सीटू नेता मनोज सोनी ने कहा कि आंगनवाड़ी की हड़ताल को दो महीने से ज्यादा समय हो गया है। सरकार हठधर्मी छोडक़र जल्द आंगनवाड़ी महिलाओं की मांगों का समाधान करे अन्यथा 14 फरवरी को करनाल में मुख्यमंत्री के आवास पर राज्यभर से आंगनवाड़ी महिलाएं पड़ाव डालने को मजबूर होंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट में आईसीडीएस के लिए बजट में कोई बढ़ौतरी नहीं की है वहीं पूंजीपतियों को टैक्सों में छूट दी गई है। आम जनता के हिस्से कुछ नहीं आया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार किए गए समझौते से पीछे हट रही है।
आंगनवाड़ी जिला प्रधान रोशनी ने कहा वर्ष 2018 में किए गए वायदे को पूरा नहीं किया जा रहा हैं। पिछले चार साल से केंद्र सरकार से यह पैसा हरियाणा सरकार ले रही है लेकिन वह पैसा उसे वर्करों व हेल्परों को नहीं दिया जा रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री ने स्वयं छह मार्च 2018 को विधानसभा में घोषणा की थी कि वर्करों को राज्य सरकार की आऊटसोर्स पॉलिसी में ठेका कर्मचारी की अर्धकुशल-अकुशल की श्रेणी की मान्यता देकर उनके बराबर मानदेय मिलेगा व इसे महंगाई भत्ता के साथ जोड़ा जाएगा। इसमें 10 साल की सेवा से अधिक पर अर्धकुशल का मानदेय तय हुआ था और इससे कम सेवा पर अकुशल का मानदेय। यही नहीं सरकार ने दो किस्त महंगाई भते की भी 2019 में जोड़ी थी। दो साल से प्रत्येक वर्कर के हिसाब से 8000 रूपये केन्द्र सरकार से राज्य सरकार मोबाइल खरीदने के लिए लेकर बैठी है। यह राशि 20 करोड़ आठ लाख रूपये बनती है। सरकार मोबाइल नहीं दे रही और वर्करों से आनलाईन काम का दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं 29 दिसंबर 2021 को यूनियनों के साथ बातचीत में वायदा किया था कि आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को आशा वर्कर्स की तर्ज पर तीन लाख रूपये एक्सग्रेशिया दिया जाएगा, जो नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को खत्म करने के लिए वर्करों व हेल्परों को सेवा से बर्खास्त कर रही है, मुकदमे दर्ज कर रही है जो निंदनीय है। धरना व प्रदर्शन में राजकली, सुमन धान्सू, सुशीला, सीटू नेता मनोज सोनी, कृष्णा व संतोष जाखड़ सहित अनेक वर्कर व हेल्पर शामिल हुई।

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Jeewan Aadhar Editor Desk