हिसार

कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए गुणवत्ताशील बीज जरूरी : प्रो. बीआर कम्बोज

हिसार,
कृषि के लिए बीज एक महत्वपूर्ण आदान है। बीज और फसल उत्पादन के बीच सीधा संबंध है। बीज की गुणवत्ता जितनी बेहतर होगी फसल की पैदावार भी उतनी अधिक होगी। इसलिए कृषि के लिए गुणवत्ताशील बीज की उपलब्धता बहुत जरूरी है।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी विषय पर विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन करते हुए कही। चार दिवसीय इस प्रशिक्षण का आयोजन राष्ट्रीय बीज निगम व केन्द्रीय बीज फार्म, हिसार के ओर से किया गया है। कुलपति ने कहा तीव्र गति से बढ़ रही जनसंख्या की खाद्यानों की मांग की आपूर्ति के लिए कृषि पैदावार को बढ़ाना बहुत जरूरी है। कृषि योग्य भूमि व जल संसाधनों के सीमित होने के चलते कृषि पैदावार बढ़ाना एक बढ़ी चुनौती है जिसका मुकाबला फसलों की अधिक पैदावार देने वाली उन्नत किस्में विकसित करके किया जा सकता है। उन्होंने कहा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने अब तक विभिन्न जलवायु के लिए उपयुक्त खाद्यान्नों, मसाले व चारा वाली फसलों, फलों और सब्जियों की अधिक पैदावार देने वाली कीट व रोगरोधी करीब 280 उन्नत किस्में विकसित की हैं। इन किस्मों में बहुत सारी किस्में हरियाणा के अतिरिक्त दूसरे राज्यों के किसानों के बीच भी बहुत लोकप्रिय हैं। यदि हकृवि व राष्ट्रीय बीज निगम मिलकर कार्य करें तो यह किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। उन्होंने कहा हम देश व किसान हित में राष्ट्रीय बीज विकास निगम के साथ मिलकर कार्य करने को तैयार हैं।
कुलपति ने कहा उन्नत बीजों की भारी मांग के चलते बीज उत्पादन आज एक उद्योग बन चुका है। अनेक सरकारी व गैर सरकारी कंपनियां इस व्यवसाय में जुटी हुई हैं। जिस कारण बीज उत्पादन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए बीज की उच्च गुणवत्ता और इसकी समय पर उपलब्धता बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा इस दिशा में राष्ट्रीय बीज निगम किसानों को समय पर फसलों के गुणवत्ताशील बीज मुहैया करवाने का बढिय़ा कार्य कर रहा है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से आहवान किया कि वे बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी में कौशल व संपूर्ण ज्ञान हासिल करके देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करें।
राष्ट्रीय बीज निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वी.मोहन ने भी कृषि पैदावार के लिए बीज को महत्वपूर्ण बताया और बाजार में बिक रहे अप्रमाणिक बीज पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा यह किसानों के साथ धोखा है। किसानों को इस धोखे से बचाने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम जोकि भारत सरकार का उपक्रम है, 1963 में स्थापना के बाद से उन्नत बीज उत्पादन करके किसानों को उचित दाम पर दे रहा है। उन्होंने कहा उन्नत बीज की मांग को पूरा करने के लिए किसानों को भी निगम के साथ जोड़ा जा रहा है जो निगम की देखरेख में प्रमाणित बीज तैयार कर रहे हैं। निगम लगभग 80 फसलों की 621 किस्मों का बीज उत्पादन कर रहा है।
उपरोक्त निगम के महाप्रबंधक (उत्पादन) पंकज त्यागी ने बीज उत्पादन के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा हकृवि ने फसलों की बहुत उम्दा किस्में विकसित की हैं। उन्होंने कहा फलों में अमरूद की हिसार सुखा व हिसार सफेदा किस्मों की भी मांग है। उन्होंने बताया निगम देश के सभी कृषि जलवायु क्षेत्रों में बीज उत्पादन कर रहा है। करीब 12 हजार किसान निगम के साथ जुडक़र बीज उत्पादन कर रहे हैं। निगम के महाप्रबंधक (प्रशिक्षण) डॉ. एसके महता और केन्द्रीय राज्य फार्म के निदेशक डॉ. प्रबेश कुमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को बीज उत्पादन, संकर बीज उत्पादन, बीज प्रमाणीकरण, बीज अधिनियम आदि के बारे में विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी। प्रशिक्षण संयोजक डॉ. संदीप भाकर ने बताया कि इस प्रशिक्षण में राष्ट्रीय बीज निगम की उत्पादन डिवीजन के 35 प्रशिक्षु अधिकारी भाग ले रहे हैं।

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