हिसार

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में डॉ. मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय बन कर तैयार

वर्तमान व भावी पीढ़ी को गौरवमयी इतिहास की मिलेगी जानकारी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल 26 मार्च को करेंगे उद्घाटन

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि विज्ञान एवं हरियाणवी ग्रामीण संस्कृति को संजोए हुए संग्रहालय दर्शकों के लिए बनकर तैयार है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रखर राष्ट्रभक्त, समाज सुधारक व हरियाणा केसरी के उपनाम से प्रसिद्ध हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. मंगल सेन के नाम पर डॉ. मंगल सेन कृषि विज्ञान संग्रहालय रखा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल 26 मार्च को इस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे।
एचएयू के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने बताया कि इस संग्रहालय में आगंतुकों को एक ही छत के नीचे विश्वविद्यालय की विशिष्ठ उपलब्धियों, कृषि व कृषक हितैषी कार्यों के साथ-साथ हरियाणा की गौरवमयी संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी मिल सकेगी। वर्तमान व भावी पीढ़ी भी इस संग्रहालय का भ्रमण करके कृषि व कृषि की विकास यात्रा के बारे में ज्ञान हासिल कर सकेंगी।
इस संग्रहालय के प्रथम भाग में कृषि एवं उससे संबंधित विभिन्न वैज्ञानिक पहलू दर्शाए गए हैं। इसके पश्चात एक लघु थिएटर बनाया गया है जिसमें आंगतुकों को विश्वविद्यालय की शोध, शिक्षा एवं विस्तार से संबंधित लघु वृतचित्र देखने को मिलेगा। इस थिएटर के बाहर विश्वविद्यालय का गौरवपट्ट है जहां विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त की गई विभिन्न उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय के प्रारम्भ में ही हरियाणा की गौरवपूर्ण विकास यात्रा के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, जनसांख्किीय आंकड़ों को दर्शाए जाने के साथ आगंतुकों, विशेषकर स्कूली बच्चों को कृषि के बारे में जागरूक करने के लिए कृषि विकास यात्रा को त्री-आयामी भित्ती-चित्रों द्वारा दर्शाया गया है जिनकी विस्तृत व्याख्या के लिए टच-स्क्रीन कियोस्क लगाए गए हैं।
विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों, विभागों/संकायों की जानकारी देने के लिए त्री-आयामी (थ्री-डी)मॉडल लगाए गए हैं जो विश्वविद्यालय का अति सुंदर चित्रण प्रस्तुत करते हंै। विश्वविद्यालय के फार्म/खेतों आभासी भ्रमण मॉडल, हरियाणा में पाए जाने वाली विभिन्न प्रकार की मिट्टी एवं फसलों का मॉडल, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन मॉडल, ‘अपने कीड़ों को जाने’ आदि मॉडल्स लगाए गए हैं जो पूर्णत: परस्पर संवादात्मक एवं कृषि में रुचि बढ़ाने में सहायक होंगे। इसके पश्चात विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की मुख्य गतिविधियां एवं उपलब्धियां सचित्र दर्शाई गई हैं।
संग्रहालय के प्रथम तल पर विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक प्रौद्योगिकियां खूबसूरत नमूनों एवं उनकी व्याख्या सहित दर्शाई गई हैं ताकि आगंतुकों विशेषकर किसानों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा कृषि क्षेत्र में दिए गए योगदान के बारे में जानकारी मिल सके। इसी तल पर एक लघु पुस्तकालय और हरियाणवी संस्कृति को दर्शाते हुए एक ग्रामीण पुरातन संग्रहालय स्थापित किया गया है जिसमें कृषि में उपयोग किए जाने वाले पुरातन यंत्रों, ग्रामीण दिनचर्या की विभिन्न वस्तुओं जैसे रसाई का सामान, बर्तन, वस्त्र, चरखा, बैलगाड़ी आदि को ग्रामीण क्षेत्रों से एकत्रित करके खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है और उनकी संक्षिप्त व्याख्या दी गई है ताकि आज की पीढ़ी अपने गौरवपूर्ण इतिहास व पूर्वजों के द्वारा कम साधनों में जीवन यापन (पहनावा/खान-पान/रहन-सहन) को जान सके।

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