समय की मांग है कि सोशल मीडिया के भी कुछ नियम तय होने चाहिंए : अजय पुरूषोत्तम
हिसार,
पत्रकार का प्रोफेशनल होना बुरा नहीं है परन्तु उसे कमर्शियल नहीं होना चाहिए। व्यवसाय और मिशन के बीच में एक सन्तुलन कायम रखना जरूरी है। समाज पत्रकारों से विश्वसनीयता की अपेक्षा रखता है जिससे हमारा उत्तरदायित्व और बढ़ जाता है। पाठक के सम्मुख समाचारों के सभी पहलुओं तथा पक्षों को रखना जरूरी है।
यह बात दैनिक भास्कर के स्थानीय संपादक अजय पुरूषोत्तम ने हिसार प्रैस क्लब की ओर से ‘पत्रकारिता का बदलता स्वरूप’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप में बोलते हुए कहीी। श्री पुरूषोत्तम ने कहा कि पारम्परिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया के प्रसार से पत्रकारों का दायित्व बढ़ गया है और उन्हें खबर सम्बधित विषय का सामान्य ज्ञान होना चाहिए अन्यथा वे पाठकों, दर्शकों या श्रोताओं के साथ न्याय नहीं कर पाएंगे। मीडिया किसी भी रूप में हो परन्तु उसका निष्पक्ष होना अत्यंत आवश्यक है। पत्रकारों के सामने देश, दुनिया और समाज का हित सर्वोपरि होता है। पत्रकार होना सौभाग्य की बात है परन्तु इसके साथ जुड़ी जिम्मेदारियों की अनदेखी नही होनी चाहिए। विज्ञापनों और समाचारों के बीच समन्वय और सर्वपक्ष की प्रस्तुति का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चिन्ता का विषय है कि पत्रकार स्वयं को अपडेट नहीं करते। ज्ञान हो या तकनीकी जानकारी सवांददाता को चाहिए कि वह नवीनतम स्थितियों की जानकारी भी रखे। होम वर्क किए बिना फील्ड में उतरना उचित नहीं है। कई बार टीआरपी या लोकप्रियता के चक्कर में सोशल मीडिया सनसनी फैलाने का काम करता है जो कि सबके लिए हानिकारक है। मीडिया के सामने चुनौतियां हैं और सोशल मीडिया के भी नियम तय किए जाने चाहिंए क्योंकि इसका प्रभाव बढ़ रहा है। इस विषय पर वरिष्ठ पत्रकार अमर उजाला के स्थानीय संपादक अमरनाथ प्रसाद, अजीत सिंह, कमलेश भारतीय, देवेन्द्र उप्पल तथा संजय भुटानी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में दूरदर्शन के समाचार संपादक पकंज शर्मा, महेन्द्र सपरा, विनोद गांधी, विमल कुमार, विरेन्द्र कुमार, महेश मेहता के अतिरिक्त हांसी, बरवाला व उकलाना के अनेक पत्रकारों ने भी भाग लिया। क्लब की ओर से अध्यक्ष राज पराशर ने श्री पुरूषोत्तम को स्मृति चिन्ह भेंट किया।