हिसार,
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों तथा ऑल इंडिया इंश्योरेंस एंपलाईज एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय जीवन बीमा निगम की अर्बन इस्टेट स्थित दोनों शाखाओं के कर्मचारियों ने पूर्ण रूप से भागीदारी करते हुए कार्यालय का कामकाज ठप्प रखा। इस दौरान कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा एलआईसी का आईपीओ लाने के विरोध में तथा नई भर्ती एवं पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की मांग पर कार्यालय परिसर के समक्ष जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। रोष प्रदर्शन की अध्यक्षता संयुक्त रूप से प्रधान त्रिलोक बंसल व कृष्ण कुमार ने की जबकि सचिव सुरेन्द्र पूनिया व मुकेश कुमार ने संचालन किया।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रधान त्रिलोक बंसल ने केन्द्र सरकार द्वारा एलआईसी का आईपीओ लाने के निर्णय पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि एलआईसी के पास 38 लाख करोड़ की परिसंपति है। भारतीय रेलवे के बाद जमीनी संपति में एलआईसी सबसे बड़ी मालिक है। एलआईसी की ग्राहक सेवा से 40 करोड़ पॉलिसीधारक पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं। आर्थिक संकट के मौके पर एलआईसी सरकार की मदद करते हुए हमेशा संकट मोचक की भूमिका निभाती है। इसके बावजूद मोदी नीत सरकार ऐसी बेहतरीन सार्वजनिक संस्थान को आइपीओ के माध्यम से निजीकरण के रास्ते पर ले जा रही है। यह पॉलिसी धारकों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जो भाजपा विपक्ष में रहते एलआईसी के वर्तमान स्वरूप को बनाए रखने की पक्षधर थी, वहीं सत्तासीन होने के बाद न केवल शेयर बेच रही हैं बल्कि विदेशियों को भी शेयरों में 20 प्रतिशत निवेश की छूट दे दी है।
प्रधान त्रिलोक बंसल ने सवाल किया कि देश-विदेश में एलआईसी की जो साख है उसकी कीमत कैसे लगाई जा सकती है? उन्होंने कहा कि बीमा कर्मचारी सरकार के एलआईसी को कमजोर करने का हर कदम के खिलाफ अपना कड़ा विरोध जारी रखेंगें।
रोष प्रदर्शन मे धर्मेन्द्र पूनिया, राजेन्द्र सिंह, रंजना, उषा ग्रोवर, सीमा, अंजू कपूर, रीना शर्मा, समता, सतीश कुमार, अनूज, दिनेश, सूरज सैनी, राखी व अन्नू दुहन सहित समस्त कर्मचारी शामिल रहे।