हिसार

संत व सूर्य किसी एक व्यक्ति, जाति या समाज के नहीं होते: विशोक सागर

दिगम्बर जैन संत का चातुर्मास कलश स्थापना 10 जुलाई को

हिसार,
संत, सड़क, सरिता, सूर्य व समय किसी एक व्यक्ति, समुदाय व जाति के नहीं होते हैं। ये सब जन-जन के होते हैं। ये बात जैन गणाचार्य 108 विराग सागर महाराज के परम प्रभावी शिष्य श्रमण मुनि 108 विशोक सागर महाराज ने शनिवार को नागोरी गेट स्थित दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में अशांति फैली है और इस अशांति का एक ही इलाज है ‘अहिंसा परमो धर्मÓ। भगवान महावीर के इस संदेश को आज जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। जैन संत ने कहा कि धर्म के नाम पर आज हर जगह विरोधाभास की स्थिति है लेकिन धर्म के नाम पर लडऩे वालों को ये ध्यान रखना चाहिए कि धार्मिक ग्रंथों में कहीं भी हिंसा की बात नहीं लिखी। ये पूरा विश्व एक परिवार है और सबको मिलजुल कर शांति से रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि हिसार में उनका चातुर्मास होगा और इसके लिए 10 जुलाई रविवार को अग्रसैन भवन में चातुर्मास कलश स्थापना का मांगलिक कार्यक्रम रखा गया है जो दोपहर 12.30 बजे शुरू होगा। इससे पूर्व जैन लाइब्रेरी नागोरी गेट में ध्वजारोहण होगा और वहां से वह ससंघ शोभायात्रा के रूप में अग्रसैन भवन के लिए प्रस्थान करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भिवानी शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. जगबीर सिंह उपस्थित होंगे। उन्होंने बताया कि 28 मूल गुणों का पालन करने वाले जैन साधू चातुर्मास इसलिए करते हैं क्योंकि वो मन, वचन व काय से सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव की रक्षा करते हैं। बरसात के समय में जीवों की उत्पत्ति अधिक होती है और इसलिए इन जीवों की रक्षा के लिए हमेशा ही एक जगह से दूसरी जगह पैदल विहार करने वाले साधू चार माह तक एक ही जगह पर रहते हैं। पांचों इंद्रियों पर विजय प्राप्त करके दिगम्बर बनने वाले जैन साधू इस दौरान प्रभु की साधना करते हैं और योग को धारण करते हैं। इस दौरान उनकी साधना से ज्ञान की वर्षा होती है प्राकृति में हरियाली छा जाती है और संपन्नता आती है।
विशोक सागर महाराज ने कहा कि हिसारर में 5 साल के बाद किसी दिगम्बर जैन साधू का चातुर्मास होने जा रहा है और इस दौरान बहुत से धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों में पूरे देशभर से भक्त पहुंचेंगे। वह हिसार की जनता से यही कहना चाहेंगे कि वो इन धार्मिक कार्यक्रमों में आकर धर्म लाभ उठायें।
इस मौके पर 105 क्षुल्लक विभ्रद सागर महाराज, दिगम्बर जैन समाज के संरक्षक देवेन्द्र जैन एडवोकेट, प्रधान संजीव जैन सीए, सचिव सुनील जैन बैंक वाले, कोषाध्यक्ष नवीन जैन, श्रेयांस जैन, सुरेन्द्र जैन प्रेस वाले, राकेश जैन बिट्टू, अदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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