हरियाणा हिसार

आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन का तीन दिवसीय 11वां राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

केंद्र सरकार पर जन एवं मजदूर विरोधी नव उदारवादी आर्थिक नीतियां आक्रामकता से लागू करने का आरोप

हिसार,
आल इंडिया रोड़ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन का तीन दिवसीय 11वां राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को फ्लैमिंगो टुरिज्म काम्प्लेक्स में शुरू हुआ। सम्मेलन में सभी राज्यों में ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों एवं मजदूरों के करीब 600 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन कर रही है। सम्मेलन के प्रथम सत्र में फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नेपाल देव भट्टाचार्य की अध्यक्षता मे खुले अधिवेशन का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन सीआईटीयू के राष्ट्रीय सचिव एवं मेम्बर पार्लियामेंट (एमपी) का.ई.करीम ने किया और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष एवं स्वागत समिति के प्रधान सुभाष लांबा ने देशभर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। सीटू के महासचिव जय भगवान व इंटक के महासचिव धर्मबीर लोहान ने भी अपने संगठन की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दी।
18 जुलाई तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में सरकार द्वारा लागू की जा रही गलत नीतियों के कारण समाप्त हो रही परिवहन सेवाओं को बचाने और इस क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों एवं मजदूरों की मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष एवं स्वागत समिति के प्रधान सुभाष लांबा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि स्टील सिटी कहे जाने वाले हिसार की भूमि क्रांतिकारियों की कर्मभूमि रही है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में यहां के सैकड़ों की संख्या में नागरिकों शाहदत दी। उन्होंने कहा कि हांसी में क्रांतिकारियों को सड़क पर रोड़ रोलर से कुचला गया। जिसको आज भी लाल सड़क के नाम से जाना जाता है।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सीआईटीयू के सचिव व मेम्बर पार्लियामेंट (एमपी) का. ई. करीम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जन एवं मजदूर विरोधी नव उदारवादी आर्थिक नीतियों को आक्रामकता से लागू कर रही है। इसके चलते कारपोरेट घरानों को टैक्सों में लाखों करोड़ की छूट प्रदान की जा रही है और सरकारी बैंकों से लिए गए करोड़ों रुपए के कर्ज़ को माफ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ खाने पीने की आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल से अभी तक पेट्रोल डीजल व रसोई गैस में एक्साइज ड्यूटी के रूप 28 लाख करोड़ से ज्यादा कमाई की है। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से महंगाई व बेरोजगारी कंट्रोल से बाहर हो गई है। सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों के चलते पिछले 6 साल में अंबानी व अडानी की संपत्ति में क्रमशः 350 व 750 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और 10 पूंजीपतियों के पास 70 प्रतिशत आबादी के बराबर दौलत एकत्रित हो गई है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि ग़रीबी रेखा से नीचे के लोगों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के कारण आज बेरोजगारी व महंगाई सबसे उच्चतम स्तर पर है। लेकिन सरकार इसको कम करने की बजाय इसमें ओर बढ़ोतरी होने के कदम उठा रही है। उन्होंने प्रतिनिधियों से सरकार की नव उदारवादी आर्थिक नीतियों व नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन के खिलाफ और सार्वजनिक क्षेत्र, संवैधानिक संस्थाओं, धर्मनिरपेक्षता को बचाने तथा कर्मचारियों व मजदूरों की मांगों को लेकर निर्णायक आंदोलन के निर्माण करने का आह्वान किया।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव केके दिनाकरण ने विगत पांच वर्षों की सांगठनिक एवं आन्दोलनात्मक रिपोर्ट प्रतिनिधियों के समक्ष बहस के लिए प्रस्तुत की। महासचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर बहस जारी थी।
खुले अधिवेशन में हरियाणा रोडवेज वर्कर यूनियन के प्रधान इन्द्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, स्वागत समिति के संरक्षण बनवारी लाल विश्नोई, मास्टर शेर सिंह, उप प्रधान सरदार जोगिंदर सिंह, कामरेड सतबीर सिंह, शुकंतला जाखड़, शमशेर नंबरदार, रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष जरनैल सिंह सांगवान, हरियाणा रोडवेज सांझा मोर्चा के नेता दलबीर किरमारा, आजाद सिंह गिल, विरेन्द्र सिंगरोहा, अशोक खोखर, हरिकृष्ण आदि मौजूद थे।

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