हरियाणा हिसार

अमृत योजना के तहत खर्च होंगे 2500 करोड़ रुपये

हिसार, 22 मई।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के कायाकल्प के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए हिसार मंडल के पांच जिलों के अधिकारियों व शहरी निकायों के जन-प्रतिनिधियों के साथ व्यापक मंथन किया। शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, अतिरिक्त निदेशक संवर्तक खनगवाल सहित विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री आवास योजना, एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए लागू की जाने वाली अमृत योजना, शहरी क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त करने, रेहड़ी लगाने वालों के के लिए कानून का क्रियान्वयन, शहरी क्षेत्रों की आधारभूत व अन्य सामाजिक सेवाओं का जीआईएस मैप पर अंकन तथा शहरी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण जैसी विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव डॉ. कमल गुप्ता, उपायुक्त निखिल गजराज, पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी, अतिरिक्त उपायुक्त एएस मान तथा नगर निगम की मेयर शकुंतला राजलीवाल भी मौजूद थीं।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि शहरी क्षेत्रों की तस्वीर बदलने के लिए बनाई गई महत्वाकांक्षी अमृत योजना के तहत हरियाणा के 1 लाख से अधिक आबादी वाले 18 जिलों का चयन किया गया है जिनमें से 4 शहर, भिवानी, हिसार, जींद व सिरसा हिसार मंडल के हैं। इनमें से हिसार शहर के सीवरेज, पेयजल, ड्रेन व हरित क्षेत्रों को अत्याधुनिक बनाने के लिए 95 करोड़ रुपये, भिवानी के लिए 36 करोड़ रुपये, जींद के लिए 63 करोड़ तथा सिरसा शहर के लिए 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जरूरत के अनुसार बजट को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो शहर जितनी तेजी से काम करेगा उसे प्रोत्साहन राशि के रूप में अतिरिक्त बजट भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमृत योजना के तहत विकसित की जाने वाली सुविधाएं अगले 50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर लागू की जा रही हैं इसलिए अधिकारी सस्ता, अच्छा व गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाएं।
उन्होंने बताया कि अमृत योजना के तहत प्रदेश को 2565 करोड़ रुपये की आवश्यकता है जिसमें से केंद्र द्वारा 1500 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि शेष 1000 करोड़ रुपये की राशि सरकार द्वारा विभिन्न स्रोतों से जुटाई जाएगी। योजना के तहत हिसार में पेयजल पर 18 करोड़, सीवरेज पर 42 करोड़, डे्रनेज सिस्टम पर 25 करोड़ तथा हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना को सफल बनाने के लिए चुने हुए जन प्रतिनिधि तथा अधिकारी टीम बनाकर आपसी समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि जो पैसा हम विकास कार्यों पर खर्च करते हैं वह जनता का पैसा है और इसका सदुपयोग करना हमारा सामाजिक व नैतिक दायित्व है।
उन्होंने शहरी जन-प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे नागरिकों की जरूरतों के अनुरूप विकास योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर उन्हें भिजवाएं ताकि जमीनी स्तर पर योजनाएं तैयार करके आमजन तक इनका लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने जन-प्रतिनिधियों की समस्याएं भी सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार द्वारा सबका साथ-सबका विकास, अंत्योदय व हरियाणा एक हरियाणवी एक के सिद्धांत पर कार्य करते हुए लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी को आवास मुहैया करवाया जाएगा। उन्होंने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए 1 जून से 15 जुलाई तक शहर के सभी वार्डों में शिविर लगाकर सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए आधार कार्ड व बैंक खाता अनिवार्य किया गया है तथा आवेदक 17 जून 2015 से हरियाणा का निवासी होना चाहिए। इसके बारे में अगले दो दिन में इश्तिहार व पर्चे लगवाकर व्यापक प्रचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा से 9 लाख लोगों ने योजना के तहत केंद्र की वेबसाइट पर आवेदन किया है। ऐसे लोग प्रदेश की टीम को भी फार्म भरकर दें। योजना के तहत फार्म निशुल्क भरे जाएंगे।
मंत्री कविता जैन ने बताया कि शहरी गरीब परिवारों के उत्थान के लिए शुरू किए गए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत महिला समूहों को कम ब्याज दरों पर ऋण आदि की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके तहत स्वरोजगार कार्यक्रम चलाकर अभ्यर्थियों को मात्र 7 प्रतिशत ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। युवाओं के लिए कौशल विकास के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार रेहड़ी लगाने वाले व्यक्तियों का सर्वे करवाकर उन्हें कई प्रकार की सुविधाएं देने जा रही है। ऐसे व्यक्तियों को बैठने के लिए सुरक्षित स्थान, बिजली, पानी व अपना माल रखने की जगह भी मुहैया करवाई जाएंगी। रात को जाते समय ये ताले लगाकर जा सकते हैं और अपनी सुविधाओं का संचालन स्वयं की एसोसिएशन के माध्यम से कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 18 शहरों में जीआईएस (भौगोलिक सूचना तंत्र) लागू किया जाएगा। इससे शहरी निकायों को अनेक लाभ मिलेंगे। शहर में होने वाली प्रत्येक भौगोलिक बदलाव की सूचना सैटेलाइट इमेज से अधिकारियों को मिलेगी जिससे उन्हें हर प्रकार के अतिक्रमण, अवैध निर्माण, गृहकर के समय वास्तविक निर्माण सहित नागरिकों के समस्त विवरण मालूम रहेंगे। सैटेलाइट इमेज के सहारे भविष्य की योजनाएं भी बनाई जा सकेंगी।
शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि सभी शहरी निकाय अपनी-अपनी वेब पोर्टल बनाएं तथा सभी सेवाएं ऑनलाइन देने की तैयारी करें। जो अपनी वेबसाइट नहीं बनवा सकेंगे, सरकार द्वारा जून अंत तक उनकी वेबसाइट बनवाई जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा कार्य के अनुसार प्रत्येक शहर को क्रेडिट रेटिंग दी जाएगी जिसके आधार पर उसे बजट अलॉट किया जाएगा। उन्होंने नगर निगम, परिषदों, पालिकाओं के अधिकारियों को डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनर्जी ऑडिट के तहत 6 माह के भीतर सभी स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में तथा वाटर पंपिंग सेट को कम ऊर्जा खपत वाले उपकरणों से बदला जाएगा। इसके लिए रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र व हिसार को पायलेट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। इस योजना को 15 जून तक लागू किया जाएगा। उन्होंने सभी निकायों के अधिकारियों को अगले 2 दिन में स्ट्रीट लाइट्स प्वाइंट्स भिजवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निर्णय लिया है कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस को स्वच्छता दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा। इसके तहत सुबह 7 बजे सभी शहरी निकायों में स्वच्छता शपथ दिलवाई जाएगी जिसके पश्चात अगले 4 घंटे तक सभी मिलजुलकर सफाई अभियान चलाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने शहरी स्वच्छता पुरस्कार योजना भी शुरू की है जिसके तहत स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली नगर निगम को प्रतिमाह 2.5 लाख रुपये, नगर परिषद को 1 लाख, कमेटी को 50 हजार तथा आरडब्ल्यूए व एनजीओ के लिए भी 50-50 हजार रुपये के पुरुस्कार का प्रावधान किया गया है। इसके तहत पहला पुरस्कार भी 5 जून को ही वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के बाद प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों को ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) करने का लक्ष्य अब 25 सितंबर रखा गया है। इसलिए सभी अधिकारी तय समय में इस लक्ष्य को पूरा करें और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करवाएं। इसके लिए उन्होंने सभी अधिकारियों से कार्य पूर्ण कर लेने की संभावित तिथि की भी जानकारी ली।

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