हिसार
चन्द्रलेन कालोनी में रह रहे चानोत गांव निवासी राजबीर सिंह ने पुलिस पर उसकी शिकायतों को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिन आरोपियों के खिलाफ उसने डराने, धमकाने, जबरन प्लॉट कब्जा करने व अवैध वसूली करने सहित शिकायत दी है, उन पर पुलिस लंबे समय बाद भी कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस अधीक्षक को 12 मई को दी गई शिकायत पर दो सप्ताह बाद भी सिविल लाइन पुलिस कार्रवाई करने से केवल इसलिए हिचकिचा रही है क्योंकि आरोपियों का पिता रिटायर्ड पुलिस अधिकारी है।
शिकायतकर्ता राजबीर का कहना है कि निर्भय सांगवान व नवीन सांगवान प्राइवेट फाइनेंसर के तौर पर काम करते हैं और लोगों को एक बार रुपया उधार देकर ऊंची व गैर कानूनी ब्याज दरें लगाकर उनसे डरा धमकाकर अवैध वसूली करते हैं। राजबीर के अनुसार उसका लड़का साहिल भी वर्ष 2014 में इन आरोपियों के चंगुल में फंस गया और इनसे 13 लाख रुपये उधार ले लिये। पैसे देते समय दोनों आरोपियों निर्भय व नवीन ने साहिल से अनेक खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिये और उसके नाम का एक खाली प्लॉट जो नवदीप कालोनी स्थित रामनगर में था, वो जबरदस्ती आरोपियों ने ले लिया। दिसम्बर 2014 में उक्त आरोपियों ने घर आकर शिकायतकर्ता को बताया कि उन्हें साहिल से 40 लाख रुपये लेने हैं। उस वक्त उन्होंने कोई चर्चा नहीं की कि मूल कितना है और ब्याज कितना है और किस दर पर है। आरोपियों ने उसके लड़के को भी डरा-धमकाकर सच्चाई न बताने के लिए मजबूर कर दिया। शिकायतकर्ता ने मामला निपटाने की इच्छा से अपनी जमीन बेचकर व रिश्तेदारों से उधार लेकर आरोपियों को मार्च 2015 में 30 लाख रुपये दिये जबकि उसके लड़के साहिल ने बैंक से मकान का लोन लेकर 10 लाख रुपये अलग से दे दिये। इस प्रकार आरोपियों को उनके बताये अनुसार 40 लाख रुपये मिल गये और उन्हें यह भी कह दिया गया कि भविष्य में वे उसके लड़के को घरवालों से पूछे बिना किसी तरह का लेन-देन नहीं करेंगे। आरोपियों ने उस वक्त यह जिक्र तक नहीं किया कि उसके लड़के साहिल के प्लॉट के दस्तावेज भी उसके पास है, और न ही उसके लड़के साहिल ने आरोपियों के डर से उसे कुछ बताया। कुछ समय बाद जब साहिल ने आरोपियों से अपना प्लॉट वापिस मांगा तो वे कहने लगे कि उसकी तरफ डेढ़ लाख रुपये ब्याज बकाया है, वह दे देगा तो उसके कागज दे देंगे। यही नहीं आरोपी निर्भय ने कहा कि उसके सात लाख रुपए ब्याज सहित 16 लाख रुपये उसकी तरफ बकाया है, वे दे दो। ऐसा कहते हुए आरोपी 6-7 माह तक उसे धमकियां देते रहे।
शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपियों की धमकियों से तंग आकर उसका लड़का बिना किसी को बताये 8 जनवरी 2016 को घर छोड़कर चला गया। कुछ समय बाद आरोपियों ने उसे फोन करके बताया कि साहिल का प्लॉट उनके पास है, हमें उससे पैसे लेने हैं। इस प्रकार आरोपी बार-बार फोन करके व पैसे लेने की बात कहते हुए उसे प्रताडि़त करने लगे और धमकियां देने लगे। इसी दौरान साहिल मार्च 2017 में घर वापिस आया और बताया कि वह आरोपियों के डर से घर छोड़कर भाग गया था। साहिल के प्लॉट बारे सच बताने पर जब उसने आरोपियों से हिसाब मांगा तो वे धमकियां देने लगे और गालियां देने लगे। उसका कहना है कि साहिल द्वारा उधार लिये गये 13 लाख रुपयों के बदले वे 40 लाख रुपये नकद व साहिल का एक प्लॉट हड़प चुके हैं, जिसकी कीमत अब भी 60-70 लाख रुपये हैं। इसके बावजूद आरोपी अब भी और पैसे मांग रहे हैं तथा न देने पर धमकियां दे रहे हैं।
जांच के बाद कार्रवाई करेगी पुलिस : एसएचओ
इस संबंध में बात किये जाने पर सिविल लाइन एसएचओ मंदीप सांगवान का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। दोनों पक्षों का लंबे समय का लेन-देन है, अगर दोनों के पास कोई सबूत हैं तो वे पेश कर दें, जांच के कारण ही मामले में विलंब हो रहा है, अन्य कोई कारण नहीं है।
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