धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—127

परिवार और गृहस्थी में प्रेम ही सबसे ऊपर होता है। परिवार और गृहस्थी का आधार प्रेम होता है। इसमें कभी कमी नहीं आनी चाहिए। पारिवारिक...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 126

श्रीकृष्ण ने उज्जयिनी आजकल का उज्जैन के महर्षि सांदीपनि के आश्रम में शिक्षा ली। जब गुरुदक्षिणा देने की बारी आई तब सांदीपनि ने मांगा कि...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—125

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, बच्चों को जिम्मेदारी लेना बचपन में सिखा देना चाहिए। इससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। बच्चों को पढ़ाई के साथ—साथ...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 124

जीवन संघर्ष के लिए बना है। इसके लिए कोई आयु निर्धारित नहीं होती। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को मथुरा में कंस की कारागृह...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—122

जिस दुर्योधन के खिलाफ श्री कृष्ण ने आजीवन पांडवों का साथ दिया। उसकी मौत का कारण भी श्री कृष्ण की कूटनीति बनी, वो ही दुर्योधन...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—120

भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को कहते है, जो मेरे साथ हैं मैं उनके साथ हूं। संपूर्ण ब्रह्मांड मेरे ही अंदर है। मेरी इच्छा से ही यह...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—119

मित्रता शब्द छोटा है। लेकिन इसे निभाना काफी कठिन है। भगवान कृष्ण से मित्रता निभाना सीखना चाहिए, उन्होंने हर मु्श्किल वक्त में पांडवों का साथ...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—118

मनुष्य को आत्म मंथन अवश्य करना चाहिए। ताकि वह सही गलत की पहचान कर सके और सही रास्ते का चुनाव कर सके। भगवान श्रीकृष्ण के...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—117

भगवद गीता हिन्दुओं में सर्वोच्च माना जाता है, इस में हर उस समस्या का समाधान मिल जाएगा, जो हर दूसरे दिन लोगों के सामने खड़ी...