धर्म

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स्वामी सदानंद के प्रवचनों से—246

रात का समय था, सर्वगुण सम्पन्न घड़ी आई,चन्द्र रोहिणी नक्षत्र में आया, आकाश में तारे झिलमिला रहे थे, नदियों का नीर निर्मल और स्वच्छ था।...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—115

Jeewan Aadhar Editor Desk
जो नर गुरू वचन पर डट गए, कट गए फंद चौरासी के। जो गुरू के वचनानुसार अपने जीवन को ढाल लेता हैं। गुरू के उपदेश...
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सत्यार्थप्रकाश के अंश—54

हे ब्रह्माण्ड और वेदों के पालन करने वाले प्रभु सर्वसामथ्र्ययुक्त सर्वशक्तिमान् आपने अपनी व्याप्ति से संसार के सब अवययों को व्याप्त रखा है। उस आपका...