धर्म

धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-643

महाभारत का युद्ध चल रहा था। एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर “भीष्म पितामह” घोषणा कर देते हैं कि “मैं कल पांडवों का...
धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—642

एक बार एक शिष्य ने विनम्रतापूर्वक अपने गुरु जी से पूछा – ‘गुरु जी,कुछ लोग कहते हैं कि जीवन एक संघर्ष है, कुछ अन्य कहते...
धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—641

पुराने समय की बात है एक गुरुकुल के आचार्य अपने शिष्य की सेवा भावना से बहुत प्रभावित हुए। शिक्षा पूरी होने के बाद शिष्य को...
धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—640

एक बहुत बड़ा चोर था। जब वो मरने लगा तो अपने बेटे को बुलाकर नसीहत दी, कि अगर तुझे चोरी करना है तो किसी महात्मा...
धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 639

गुलामी के दिनों में एक मस्तमौला संत हुए। वह हर समय ईश्वर के स्मरण में ही लगे रहते थे। एक बार की बात है, वह...
धर्म

परमहंस संत शिरो​मणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —636

एक गांव में संत कुछ शिष्यों के साथ अपने आश्रम में रहते थे। संत बहुत ही विद्वान थे और शिष्यों को सुखी और सफल जीवन...
धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—635

किसी गांव में एक बहुत ही फूहड़ किस्म का आदमी रहता था। गांव में उसकी कोई इज्जत नहीं करता था। वह हमेशा दुखी रहा करता...
धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 634

एक बार गोमल सेठ अपनी दुकान पर बेठे थे। दोपहर का समय था, इसलिए कोई ग्राहक भी नहीं था तो वो थोड़ा सुस्ताने लगे। इतने...