धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—230

Jeewan Aadhar Editor Desk
द्रौपदी के स्वयंवर में जो कुछ हुआ था, उसकी ख़बर जब हस्तिनापुर पहुँची तो विदुर बड़े ख़ुश हुए। धृतराष्ट्र के पास दौड़े गए और बोले—“पांडव...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—229

कौरवों पर विजय पा लेने के बाद सारे राज्य पर पांडवों का एकछत्र अधिकार हो गया और उन्होंने कर्तव्य समझकर राज-काज सँभाल लिया। फिर भी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—228

महाभारत के युद्ध के कुछ देर बाद युधिष्ठिर रोती-बिलखती हुई स्त्रियों के समूह को पार करते हुए भाइयों व श्रीकृष्ण सहित धृतराष्ट्र के पास आए...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी म​हाराज के प्रवचनों से—227

पुराने समय में एक राजा जंगल में शिकार के लिए गया तो वह रास्ता भटक गया। राजा जंगल में बहुत अंदर तक पहुंच चुका था।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—226

एक बार नरकासुर ने बलि देने के उद्देश्य से 1600 कन्याओं को बंदी बनाकर एक कारागार में डाल रखा था। कारागार में बंद कन्याओं ने...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—225

भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश देते हुए कहते है कि कोई भी जीवात्मा जब जन्म लेती है तो उसे संसार में कर्म...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—224

एक बार धरती पर राक्षसों का अत्याचार बढ़ गया। असुरों की दृष्टि स्वर्ग पर अधिकार जमाने पर टिकी थी। इससे भयभीत होकर स्वर्ग के सभी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—223

एक बार, कृष्ण के जन्मादिवस के अवसर पर उत्सव मनाने के लिये बहुत बड़ी तैयारियाँ की गयीं थीं। नृत्य संगीत और भी बहुत कुछ! लोग...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—221

क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं? यदि खाते हैं, तो वह वस्तु समाप्त क्यों नहीं हो जाती? और यदि नहीं खाते हैं,...