परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—359 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—359Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 17, 2024November 17, 20240
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 358 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 16, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 357 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 15, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 356 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 14, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—355 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—355Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 13, 2024
धर्मओशो : वासना का रुपJeewan Aadhar Editor DeskNovember 30, 2017 November 30, 2017 मैं एक साधु के साथ बैठा था गंगाके किनारे। बचपन के मेरे मित्र थे।फिर मैं असाधु हो गया वे साधु हो गए। दोनो बैठे बाते...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—02Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017 November 29, 2017 जिन पुरूषों का मन विद्या के विलास में तत्पर रहता, सुन्दर शील स्वभाव युक्त, सत्यभाषणादि नियम पालनयुक्त और अभिमान अपवित्रता से रहित, अन्य की मलीनता...
धर्मस्वामी राजदास:साधुता की कसौटीJeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017 November 29, 2017 एक बार एक धनी व्यक्ति ने एक ऊँची बल्ली पर रत्न जटित कीमती कमण्डल टाँग दिया और घोषणा की कि जो कोई साधु इस बल्ली...
धर्मओशो : गहरा प्रेम करोJeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017 November 29, 2017 प्रेम करो। प्रेम से बचो मत। गहरा प्रेम करो! इतना गहरा प्रेम करो कि जिससे तुम पेम करो, वही तुम्हारे लिए परमात्मा हो जाए। इतना...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—64Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017January 22, 2024 November 29, 2017January 22, 2024 मनुष्य जितने भी पाप करता है उसके मूल में उसका अंह ही पलता है। अभिमान में आदमी अन्धा हो जाता है और न करने के...
धर्मस्वामी राजदास : धैर्य की महिमाJeewan Aadhar Editor DeskNovember 28, 2017 November 28, 2017 एक बार एक तपस्वी जंगल में तप कर रहा था। नारद जी उधर से निकले तो उसने साष्टांग प्रणाम किया और पूछा-मुनिवर कहाँ जा रहे...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश-01Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 28, 2017 November 28, 2017 माता-पिता,आचार्य अपने सन्तान और शिष्यों को सदा सत्य उपदेश करें और यह भी कहें कि जो-जो हमारे धर्मयूक्त कर्म हैं उन-उन का ग्रहण करो और...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—63Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 28, 2017January 21, 2024 November 28, 2017January 21, 2024 परमात्मा के विरोधी, नास्तिक, पापी , इनके साथ कभी मत रहो,नहीं तो सूर्य चन्द्रमा के समान दाग भी लग सकता हैं। अच्छे कार्य करनेवाले देवता...
धर्मओशो : रोने में फर्कJeewan Aadhar Editor DeskNovember 28, 2017 November 28, 2017 रोने रोने में फर्क है। दर्द दर्द में भेद है। एक तो रोना है जो दुख से निकलता है, विषाद निकलता है। और रोना है...
धर्मस्वामी राजदास : जीव ईश्वर का ही अंश हैJeewan Aadhar Editor DeskNovember 27, 2017 November 27, 2017 जीव ईश्वर का अंश है तो ईश्वर के समान शक्ति उसमें क्यों नहीं हैं? यह प्रश्न एक शिष्य ने गुरु से पूछा। गुरु ने विस्तार...