परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—479 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—479Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 18, 2025March 18, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—478 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—478Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 16, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—477 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—477Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 16, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—476 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—476Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 15, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—475 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—475Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 14, 2025
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—12Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 10, 2017 December 10, 2017 जो प्रत्यक्षपूर्वक अर्थात् जिसका कोई एक देश सम्पूर्ण द्रव्य किसी स्थान वा काल में प्रत्यक्ष हुआ हो उसका दूर देश में सहचारी एक देश के...
धर्मओशो : पुण्य क्या हैJeewan Aadhar Editor DeskDecember 10, 2017 December 10, 2017 मनुष्य की देह मिली और पुण्य का तुम्हें स्वाद नहीं है। तुमने जाना ही नहीं कि पुण्य क्या है। पाप ही जाना, बुराई ही जानी,...
धर्मस्वामी राजदास : कृष्ण—सुदामा प्रेमJeewan Aadhar Editor DeskDecember 10, 2017 December 10, 2017 कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था। प्रेम भी इतना कि कृष्ण, सुदामा को रात दिन अपने साथ ही रखते थे। कोई भी काम...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—74Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 10, 2017February 1, 2024 December 10, 2017February 1, 2024 बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है, जो इन चारों से कभी दुश्मनी नहीं करता। 1.राजा से दुश्मनी कभी मत करो। आजकल के राजा कौन है? यह...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—11Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 9, 2017 December 9, 2017 जो द्रव्य और गुण का समान जातीयक कार्य का आरम्भ होता है उस को साधम्र्य कहते हैं। जैसे पृथिवी में जड़त्व धर्म और घटादि कार्योत्पादकत्व...
धर्मओशो : मनुष्य होने का भेदJeewan Aadhar Editor DeskDecember 9, 2017 December 9, 2017 मनुष्य का जीवन मिला और पुण्य का पता न चला, तो सार क्या है? जो तुम कर रहे हो ,वह तो पशु भी कर लेते...
धर्मस्वामी राजदास : दु:ख देते रहनाJeewan Aadhar Editor DeskDecember 9, 2017 December 9, 2017 एक सूफी फकीर था, शेख फरीद। उसकी प्रार्थना में एक बात हमेशा होती थी–उसके शिष्य उससे पूछने लगे कि यह बात हमारी समझ में नहीं...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—73Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 9, 2017January 31, 2024 December 9, 2017January 31, 2024 खुशी के अवसर पर सबको निमन्त्रण दो और सबका आशीर्वाद लो, इसी में भलाई है। अमीरी गरीबी का भेदभाव मत रखो। भगवान् सब में है...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—11Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 8, 2017 December 8, 2017 जिस मार्ग से इस के पिता,पितामह चले हों उस मार्ग में सन्तान भी चले परन्तु जो सत्पुरूष पिता पितामह हों उन्हीं के मार्ग में चलें...
धर्मओशो : पाखंडJeewan Aadhar Editor DeskDecember 8, 2017 December 8, 2017 पंडित, पुजारी ,पुरोहित, मौलवी, पादरी लकींरे पीटतें रहते है। लकीरों पर लकीरें पीटते रहते हैं। लकीरों को सजाते रहते हैं,सवारते रहते हैं। लकीरों का शृंगार...