हिसार

एनएचएम कर्मचारियों को अकेला ना समझे सरकार : राजपाल नैन

हिसार,
प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे विभिन्न जिलों में लगभग 1351 कर्मचारियों की बर्खास्तगी प्रदेश सरकार के कफन में कील साबित होगी। यह बात आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान राजपाल नैन ने एक बयान जारी कर कही। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एनएचएम कर्मचारियों को सरकार अकेला ना समझे। प्रदेश के लगभग 3 लाख कर्मचारी उनके साथ खड़े हैं और सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन में उनका सहयोग करके सरकार द्वारा बर्खास्तगी के आदेश वापस लेने के लिए मजबूर कर देंगे।जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में ठेका प्रथा, आऊट सोर्सिंग व डीसी रेट आदि स्कीमों के तहत पिछले करीब 15-20 वर्षों से लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनको छुट्टी, एसीपी, शिक्ष भत्ता, वार्षिक वेतन वृद्धि व महंगाई भत्ता आदि सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है, जबकि वो अपने-अपने विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मचारी जो उपरोक्त सभी सुविधाएं प्राप्त करते हैं, उनके बराबर का कार्य करते हैं। वहीं कुछ विभागों में तो इन कर्मचारियों से 8 घंटे की बजाय 10-12 घंटे तक काम लेकर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश सरकार के खिलाफ राज्य के तमाम विभागों के कर्मचारी अपने अपने बैनर तले अपनी-अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, जिनको हर बार सरकार द्वारा झूठे आश्वासन देकर कर्मचारी संगठनों को चुप करवा दिया जता है, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में काफी रोष है। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन जिला प्रधान राजपाल नैन ने कहा कि समय व हालात को मद्देनजर रखते हुए तथा सरकार की कार्यप्रणाली को समझते हुए आज प्रदेश में दो बड़े कर्मचारी संगठनों हरियाणा कर्मचारी महासंघ व सर्व कर्मचारी संघ के शीर्ष कर्मचारी नेताओं को एक साथ बैठ कर एक सांझा आंदोलन प्रदेश सरकार के खिलाफ शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों संगठनों द्वारा जब-जब सांझा सांझा संघर्ष किया गया तो उस संघर्ष में मांगों को लेकर समाधान निकला यह सबके सामने है। चाहे वह एसीपी का मामला हो या सेवानिवृति उपरांत मिलने वाले लाभ का। सांझे आंदोलन ने कर्मचारियों की मांगों का समाधान करवाने का काम किया है। जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में विभिन्न विभागों में दो लाख से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जो ठेका प्रथा, आऊट सोर्सिंग व डीसी रेट आदि के तहत वर्षों से कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि यदि उपरोक्त दोनों कर्मचारी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व च्चे कर्मचारियों की असलियत में पीड़ा समझते हैं तो जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुला कर सरकार के सामने एक निर्णायक व तीखा आंदोलन करना चाहिए, जिससे इन कर्मचारियों को न्याय मिल सके।
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