फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
उपायुक्त डॉ. हरदीप सिंह ने स्थानीय मार्केट कमेटी कार्यालय में भावांतर भरपाई योजना के कार्यालय का उदघाटन किया। उदघाटन उपरांत उन्होंने बताया कि पूरे देश में अपनी तरह की इस पहली योजना के तहत सब्जी के कास्तकारों के लिए मंडी में उनके उत्पादन के कम दाम मिलने पर सरकार द्वारा उनके भाव के अंतर की भरपाई की जाएगी। योजना के पहले चरण में टमाटर, प्याज, आलू व गोभी की पैदावार को शामिल किया गया है। योजना के लागू होने के बाद चारों फसलों पर 48 हजार रुपये से 56 हजार रुपये तक प्रति एकड आमदनी सुनिश्चित हो पाएगी। मंडी में निर्धारित अवधि के अन्दर इन सब्जियों के कम दाम में बिकने पर वेबसाईट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट एचएसएएमबी डॉट जीओवी डॉट आईएन पर बीबीवाई पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किसानों को संरक्षित मूल्य तक भाव के अन्तर की सरकार द्वारा भरपाई की जाएगी। इस योजना का लाभ भूमि मालिक, पट्टेदार या काश्तकार लेने के पात्र होगे। योजना का लाभ लाभ लेने हेतू किसान को बिजाई अवधि के दौरान मार्केटिंग बोर्ड की वेवसाईट पर बागवानी भावान्तर योजना पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा पंजीकृत किसान क्षेत्र प्रमाणीकरण कर सकते हैं। प्रमाणित क्षेत्र से असंतुष्ट होने पर किसान द्वारा अपील दायर करने का प्रावधान भी किया गया है। उत्पादक का नि:शुल्क पंजीकरण होगा और पंजीकरण केवल निर्धारित अवधि के दौरान किया जा सकेगा। सर्व सेवा केंद्र/ई-दिशा केंद्र/मार्किंटिंग बोर्ड/बागवानी विभाग/ कृषि विभाग और इंटरनैट कियोस्क पर भी पंजीकरण सुविधा उपलब्ध होगी। आलू की फसल के लिए पंजीकरण अवधि 10 अक्तूबर से 30 नवम्बर, सत्यापन अवधि 31 दिसम्बर तक, सत्यापन इत्यादि के विरूद्ध अपील अवधि 15 जनवरी तक तथा बिक्री अवधि फरवरी से मार्च तक है। इसी प्रकार प्याज की फसल के लिए पंजीकरण अवधि 20 दिसम्बर से 15 फरवरी तक, सत्यापन अवधि 15 मार्च तक, सत्यापन इत्यादि के विरूद्ध अपील अवधि 25 मार्च तक तथा बिक्री अवधि अप्रैल से मई तक है। टमाटर की फसल के लिए पंजीकरण अवधि 15 दिसम्बर से 15 फरवरी तक, सत्यापन अवधि 15 मार्च तक, सत्यापन इत्यादि के विरूद्ध अपील अवधि 25 मार्च तक तथा बिक्री अवधि अप्रैल से 15 जून तक है तथा फूलगोभी की फसल के लिए पंजीकरण अवधि 15 नवम्बर से 15 जनवरी तक, सत्यापन अवधि 15 जनवरी तक, सत्यापन इत्यादि के विरूद्ध अपील अवधि 25 जनवरी तक तथा बिक्री अवधि फरवरी से मार्च तक है। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
उपायुक्त ने बताया कि प्रोत्साहन प्रक्रिया के लिए जे-फार्म पर बिक्री अनिवार्य होगी, जे-फार्म पर बिक्री विवरण बीबीवाई पोर्टल पर अपलोड होगा, जिसके लिए प्रत्येक संबंधित मार्केंट कमेटी के कार्यालय में सुविधा उपलब्ध होगी। बिक्री की अवधि के दौरान यदि फसल उत्पान का थोक मूल्य संरक्षित मूल्य से कम मिलता है, तो किसान भाव के अन्तर की भरपाई के लिए पात्र होगा। जे-फार्म पर बिक्री तथा निर्धारित उत्पादन प्रति एकड को भाव के अन्तर से गुना करने पर प्रोत्साहन देय होगा। प्रोत्साहन राशि किसान के आधार लिंकड बैंक खाते में बिक्री के 15 दिन के अन्दर जारी कर दी जाएगी। औसत दैनिक थोक मूल्य मंडी बोर्ड द्वारा चिन्हित मंडियों के दैनिक भाव के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। योजना को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए मख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय एवं उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समितियों द्वारा समय-समय पर आंकलन किया जाएगा। अखबारों, डिजिटल सुविधाओं, गोष्ठियों व किसान सम्मेलनों के माध्यम से योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार, योजना के लिए पर्याप्त धन राशि का प्रावधान भी किया गया है। भावांतर भरपाई योजना कार्यालय के उदघाटन अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ बलवंत सहारण व मार्केट कमेटी सचिव संजीव सचदेवा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
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