हिसार

सरकारी उद्योग लगाकर 10 लाख युवाओं को नौकरी दे सकती है सरकार: लोहचब

आदमपुर (अग्रवाल)
गरीबी, बेरोजगारी, किसान की बदहाली वर्तमान में 3 बड़ी समस्याएं हैं, जिनसे प्रदेश की 90 फीसदी जनता आहत है। हरियाणा प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 65 हजार रुपए वार्षिक है। परंतु 90 फीसदी लोगों के परिवारों की औसत आय 40 हजार रुपए वार्षिक है। यह बात न्याय पक्ष के संस्थापक रणदीप लोहचब चौधरीवास ने जनजागरण अभियान के तहत 5वें दिन ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने गांव गावड़, बासड़ा, सरसाना, बुड़ाक, बांडाहेड़ी, चौधरीवाली, बगला, घुड़साल, मोडाखेड़ा, मोहब्बतपुर व ढाणी महोब्बतपुर में ग्रामीणों को संबोधित किया।

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उन्होंने कहा कि कुल 4 लाख करोड़ रुपए वार्षिक आय में 3 लाख करोड़ रुपए अकेले 10 प्रतिशत लोगों की है। बाकि 90 प्रतिशत लोगों के हिस्से में 10 प्रतिशत ही आता है। आर्थिक असमानता को दूर करके सरकार 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी तथा किसान को 42 वर्ष की उम्र में 5 हजार रुपए पैंशन के रुप में देकर न्याय कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 90 प्रतिशत लोगों के खोए हुए न्याय को दिलवाना ही न्याय पक्ष का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का 1 साल का बजट 1 लाख करोड़ रुपए है। जिसमें से 42 हजार करोड़ रुपए प्रदेश के 2 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों के वेतन, भत्ते व पैंशन में जा रहा है। 18 हजार करोड़ रुपए शासन-प्रशासन के रख-रखाव व संचालन पर खर्च हो रहा है। लोहचब ने कहा कि शेष 20 हजार करोड़ में शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पेयजल व विकास सब आ जाता है। उन्होंने कहा कि नम्बर वन हरियाणा के झूठे गीत गाए गए, गलत निर्णयों, दोष पूर्ण नीतियों के कारण किसानों, बेरोजगारों, मजदूरों की उपेक्षा का शिकार बनाया गया। प्रदेश के अढ़ाई लाख नौकरशाह, नेताशाह, धन्नाशाह अकेले 1 प्रतिशत लोगों की वार्षिक आय अढ़ाई करोड़ जनता के बराबर है। इस आर्थिक असमानता के लिए सभी सरकारें दोषी हैं।

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न्याय पक्ष के संस्थापक ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिर गया है। सरकारी स्कूलों में नेताओं, अफसरों के यहां तक की स्वयं अध्यापकों के बच्चे ही नहीं पढ़ते हैं। नेताओं द्वारा प्रदेश में प्राइवेट स्कूल चलाने की होड़ लगी है। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है। सरकारी नौकरियों में पारदर्शक प्रति स्पर्धा की परीक्षा तक बेईमानी है। जब तक सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर उच्चतम कान्वैंट स्कूलों के बराबर नहीं कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज नौकरियों की परीक्षा में उन बच्चों को जो सरकारी स्कूलों में पढ़े हैं 10 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देकर मैरिट बनाना ही उनके साथ न्याय है। लोहचब ने कहा कि 1 सैनिक 35 वर्ष की आयु में रिटायर होकर पैंशन को प्राप्त करता है क्योंकि उसने अपनी जवानी देश की रक्षा करके बिताई है। इसी प्रकार एक किसान जो देश के लिए अन्न पैदा करता है उसकी वार्षिक आय सबसे निचले स्तर है। उन्होंने उस किसान को जिसकी उम्र 42 वर्ष है कम से कम उसे 5 हजार रुपए मासिक किसान पैंशन दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में सरकार अपने स्तर पर उद्योग, बड़े शापिंग माल तथा गांव स्तर पर बड़ी सरकारी दुकानें नहीं खुलवाएगी तब तक प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन बेरोजगार शिक्षित युवकों के साथ न्याय करना चाहती है तो उसे इसी नीति पर काम करना होगा। इस दौरान उनके साथ भूप सिंह बैनीवाल, मनोज सिंगल, धर्मबीर ग्रेवाल, राजेश कुमार, महान सिंह भाटी, मनदीप दलाल सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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