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चंड़ीगढ़
रोडवेज बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में मंगलवार को पूरे प्रदेश में रोडवेज का चक्का जाम हो गया है। रात 12 बजे से बसें डिपो की कार्यशाला में खड़ी है। इसी बीच परिवहन मंत्री ने रोडवेज कर्मचारी नेताओं को एक बार फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया, लेकिन रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने उनके निमंत्रण को ठुकरा दिया। इसके बाद मंत्री ने बातचीत में सीएम के प्रधान सचिव आरके खुल्लर को भी शामिल करने का आश्वासन दिया। इस पर कर्मचारी नेता बातचीत के लिए तैयार हो गए। करीब 3 बजे हरियाणा निवास स्थान पर सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच बातचीत होगी।
अगर प्रदेशभर की बातचीत की जाये तो यमुनानगर मेंं चक्का जाम के दौरान एक बार स्थिती काफी विकट हो गई थी। यहां पर रोडवेज कर्मचारियों में आपस मेंं ही बहस हो गई थी। बहस के दौरान स्थिती काफी गर्म होने लगी तो मौके पर मौजूद कर्मचारी नेताओं ने दोनों को पक्षों को अलग करके मामले को शांत किया।
हिसार में रोडवेज कर्मचारियों ने रात 12 बजे ही चक्का जाम कर दिया था। यहां चक्का जाम करने के बाद कर्मचारियों ने गांधीवादत तरीका अपनाते हुए बस अड्डे परिसर में सफाई अभियान चलाया। रोडवेज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार को नीजि बसों के परमिट को रद्द कर दिया है। ऐसे में ये बसें सड़क पर क्यों दौड़ रही है?? बस स्टेंड से सवारी किसकी अनुमति से उठा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। कर्मचारी नेता रमेश सैनी, रामसिंह बिश्नोई, राजपाल नैन ने कहा कि चक्का जाम से रोडवेज को जो नुकसान हो रहा है,उसकी भरपाई दोषी अधिकारियों के वेतन से की जानी चाहिए।
करनाल, फतेहाबाद, सिरसा, जींद, कैथल, अंबाला,फरीदाबाद, गुड़गांव में भी रात को 12 बजे ही चक्का जाम हो गया। यहां पर कर्मचारियों ने बस अड्डे के मुख्य गेट पर तालाबंदी करके सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की । रेवाड़ी, भिवानी और महेंद्रगढ़ में चक्का जाम के बाद प्रदर्शन करके अपना धरना मुख्य गेट पर लगा दिया।
दूसरी तरफ रोडवेज की हड़ताल होने के कारण प्राइवेट बसों और नीजि वाहन चालकों ने जमकर चांदी कूटी। चक्का जाम के दौरान नए परमिट की बसों ने भी खूब सवारियां बैठाई। इस दौरान उकलाना, हांसी, गोहाना, चरखीदादरी, अग्रोहा,ऐलनाबाद, महम सहित कई स्थानों पर सवारियों से मनमाने पैसे वसूलने के मामले भी सामने आए। इस दौरान कही भी अवैध सवारी ढ़ो रही बसों या वाहनों को रोकने या चलान काटने का मामला प्रदेशभर से सामने नहीं आया।