हिसार

महिला दिवस: थाली-चम्मच बजाकर व काले दुपट्टे ओढ़कर आंगनवाड़ी महिलाओं ने सरकार को कोसा

हिसार,
सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित अन्य मांगों के हल के लिए लघु सचिवालय के समक्ष आंदोलन कर रही हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच एवं आंगनवाड़ी इंम्पलाइज फैडरेशनन ऑफ इंडिया से संबंधित आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन का आंदोलन 25वें दिन व भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। दूसरे दिन 7 महिलाएं भूख हड़ताल पर बैठी वहीं महिला दिवस के अवसर पर थाली-चम्मच बजाकर व काले दुपट्टे ओढ़कर अपना रोष जताया और केन्द्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने आंदोलनरत महिलाओं का समर्थन करते हुए उनके इतने लंबे आंदोलन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से उनकी मांगे व समस्याएं शीघ्र पूरी करने की अपील की।

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जिला प्रधान बिमला राठी की अध्यक्षता में जिले में चलाए जा रहे आंदोलन के 25वें दिन व भूख हड़ताल के दूसरें दिन 7 महिलाएं सुशीला जांगड़ा, अनिता शर्मा, राजबाला, कृष्णा शर्मा, बिमला कस्वां, निर्मला व बिमला मोर भूख हड़ताल पर बैठी। इस दौरान आंदोलनरत महिलाओं को संबोधित करते हुए जिला प्रधान बिमला राठी ने कहा कि एक तरफ सरकार महिला दिवस बारे अनेक घोषणाएं कर रही है वहीं दूसरी तरफ आंगनवाड़ी महिलाएं पिछले 25 दिनों से आंदोलरत है। ये महिलाएं सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिये जाने सहित अन्य मांगे उठा रही है लेकिन मुख्यमंत्री या सरकार के किसी मंत्री के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है जो निंदनीय है।

उन्होंने मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री द्वारा विधानसभा में दिये गये बयानों को निंदनीय व गुमराह करने वाला बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछली सरकारों की खामियों की वजह से बात बिगड़ी हुई है और वे इस बारे में कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि जब सरकार पिछली सरकार के हर गलत कार्य की जांच करवाने का ढिंढोरा पीट रही है तो उनकी नियुक्तियों के मामले की जांच करवाकर खामी छोडऩे वालों पर कार्रवाई करें लेकिन ये बताएं कि आंगनवाड़ी वर्कर या हेल्पर लगने वाली महिलाओं का क्या कसूर है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर केवल आंगनवाड़ी केन्द्र का ही नहीं बल्कि सरकार की हर नई-पुरानी योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए अन्य कार्य भी करती है लेकिन बदले में उन्हें जो मानदेय मिलता है, वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि यदि रहते सरकार ने मांगे नहीं मानी तो महिलाओं का आंदोलन और तेज हो सकता है, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि महिला दिवस के अवसर पर काली ड्रैस में आई आंगनवाड़ी महिलाओं के रोष को देखते हुए यह साबित हो गया है कि अब महिलाएं किसी भी सूरत में पीछे हटने वाली नहीं है।


महिलाओं को शमशान घाट में बैठाना निंदनीय : किरमारा
इस अवसर पर आंगनवाड़ी महिलाओं का समर्थन करने पहुंचे हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा कि देश के आज तक के इतिहास में महिलाओं का शमशान घाट में जाना या उन्हें ले जाना अच्छा नहीं माना जाता लेकिन भाजपा सरकार में पहली बार इन महिलाओं को चंडीगढ़ प्रदर्शन के दौरान शमशान घाट में ले जाकर बैठाया गया और उन्हें वहां पर रोके रखा गया, जो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी महिलाएं वर्षों से सरकारी कर्मचारी का दर्जा पाने सहित अन्य मांगे उठा रही है लेकिन हर सरकार में महिलाओं को कमजोर समझकर टरका दिया गया, जो गलत है। उन्होंने कहा कि अब सरकार को समय रहते इन महिलाओं की मांगे मान लेनी चाहिए, अन्यथा उनका आंदोलन अन्य विभागों में भी फैल सकता है।

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