हिसार,
नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट द्वारा आर्थिक अपराधी विधेयक के तहत धन शोधन निरोधक कानून (PMLA) को और अधिक सख्त बनाया है। राष्ट्रपति ने इस पर अपनी मोहर लगा दी। अब आर्थिक अपराधी विधेयक कानून के रुप मेंं स्थापित हो चुका है। इससे देश के छोटे व्यापारियों को काफी लाभ होगा। इससे पहले आर्थिक अपराध को लेकर कानून में सख्त कार्रवाई न होने के कारण सबसे अधिक नुकसान व्यापारी वर्ग को ही उठाना पड़ता था।
अकसर व्यापारियों से उधार समान या कर्ज लेकर लोग लौटाने से मना कर देते है। कानूनी प्रक्रिया में सीधे तौर पर कोई कार्रवाई न होने के कारण व्यापारी अपने पैसे वापिस लेने के लिए काई कार्रवाई भी नहीं कर पाता था। लेकिन मोदी सरकार द्वारा अार्थिक अपराधी विधेयक में संशोधन करने से व्यापारियों के पैसे अब कोई मार नहीं पायेगा।
सरकार द्वारा पास किए गए इस अध्यादेश में ऐसे भगोड़े अपराधी भी आएंगे, जिन पर जाली सरकारी स्टाम्प और मुद्रा छापने, धन की कमी से चेक वापस होने, मनी लॉड्रिंग और कर्जदाता के साथ धोखाधड़ी करने के सौदे में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी हैं।
इससे साफ है कि कर्जदाता के साथ धोखाधड़ी करने के सौदे में लिप्त होने पर धन शोधन निरोधक कानून (PMLA) के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकते है। ऐसे में अब व्यापारियों का डूबा हुआ कर्ज मिलने का रस्ता साफ हो गया है।