हिसार

किसानों को ग्रुप में ट्रैक्टर व अन्य कृषि उपकरण खरीदने पर मिलेगा 40 प्रतिशत अनुदान

हिसार,
यदि किसान समूह बनाकर सांझे कृषि उपकरण खरीदते हैं तो उन्हें अन्य उपकरणों के साथ-साथ ट्रैक्टर पर भी 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा। जिला के बास, हांसी व नारनौंद खंडों के 32 गांवों में 10 कस्टम हायरिंग सेंटरों की स्थापना की जाएगी ताकि किसानों को अनुदान योजना के तहत सस्ती दरों पर कृषि उपकरण उपलब्ध करवाए जा सकें। इसके लिए कृषि विभाग में आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित की गई है।

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यह जानकारी देते हुए उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 2018-19 के दौरान केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नई इन-सीटू क्रॉप रेजिडयू मैनेजमेंट स्कीम के तहत प्रदेश के धान बिजाई क्षेत्रों में कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। हिसार जिला के खंड हांसी के 9 गांवों, सिसाय कालीरावण, बीड़ फार्म, कुंभा, शेखपुरा, जमावड़ी, सुल्तानपुर, उमरा, रामायण व हांसी के लिए 3 कस्टम हायरिंग सेंटर, बास खंड के 9 गांवों, भकलाना, मोहला, बास आजमशाहपुर, बास अकबरपुर, सीसर, खरबला, बड़छप्पर, भाटोल रांगडान व थुराना के लिए 4 सेंटर तथा खंड नारनौंद के 14 गांवों, बुडाना, किनर, नाडा, कापड़ो, खेड़ी लोहचब, खेड़ी जालब, लोहारी राघो, मोठ करनैल, मोठ रांगडान, पाली माजरा, हैबतपुर, भैणी अमीरपुर व कागसर के लिए 3 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे।

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उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान, किसान सहकारी समितियां, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, पंजीकृत किसान सोसायटी, किसान समूह, प्राइवेट उद्यमी, महिला किसान समूह अनुदान योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के तहत कम से कम 10 लाख तथा अधिकतम 75 लाख रुपये की परियोजना लागत के कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए जा सकते हैं। लागत के अनुरूप ही अनुदान राशि का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि कस्टम हायरिंग सेंटर के कुल परियोजना लागत का कम से कम 35 प्रतिशत हिस्सा फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों का होना चाहिए। इनमें केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 8 प्रकार के कृषि यंत्रों में से किसी भी यंत्र का चयन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त ट्रैक्टर, लेजर लैंड लेवलर, स्ट्रा रीपर, थ्रेशर, डिस्क हैरो, रीपर वाइंडर, क्लटीवेटर, हेरैक व डीएसआर मशीन इत्यादि पर 40 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी। 25 लाख से अधिक की लागत पर बैंक ऋण लेना अनिवार्य है।
इस बारे में विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एग्रीहरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर उपलब्ध है। कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय से अधिक जानकारी व फार्म भरकर 31 मई को सायं 5 बजे तक कृषि विभाग कार्यालय में जमा करवाना अनिवार्य है।
उपायुक्त ने किसानों व किसान समूहों से आह्वान किया कि वे एकत्रित होकर सरकार की रियायती योजना का लाभ उठाते हुए कृषि उपकरणों का बैंक स्थापित करें ताकि हर किसान बड़े से बड़े व ज्यादा से ज्यादा कृषि उपकरणों का अपनी खेती के लिए प्रयोग कर सके। इसके साथ ही जब समूह के पास फसल अवशेष प्रबंधन उपकरण होंगे तो इन्हें जलाने का विकल्प भी किसानों के पास उपलब्ध होगा जिससे पर्यावरण प्रदूषण व भूमि को नुकसान होने जैसे दुष्प्रभावों पर भी नियंत्रण हो सकेगा।

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