इंदौर,
सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराने वाले 43.57 करोड़ लोगों के यात्रा बीमा के बदले निजी क्षेत्र की तीन अनुबंधित कंपनियों ने 37.14 करोड़ रुपये का प्रीमियम कमाया। हालांकि, इन कंपनियों ने इस अवधि में केवल 48 बीमा दावा प्रकरण स्वीकृत किए जिनमें संबंधित लोगों को 4.34 करोड़ रुपये का मुआवजा अदा किया गया।
मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के एक संयुक्त महाप्रबंधक ने उन्हें आरटीआई के तहत यह जानकारी दी है। गौड़ की आरटीआई अर्जी पर भेजे गए जवाब में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2017-18 के बीच ई-टिकट बुक कराने वाले 43.57 करोड़ रेल मुसाफिरों को यात्रा बीमा योजना के तहत कवर प्रदान किया गया। इस अवधि में योजना के तहत आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस को 12.40 करोड़ रुपये, रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस को 12.36 करोड़ रुपये और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस को 12.38 करोड़ रुपये का प्रीमियम भुगतान किया गया।
आरटीआई से पता चलता है कि इस अवधि में यात्रा बीमा योजना के तहत तीनों कंपनियों को कुल 155 बीमा दावे प्राप्त हुए। इनमें से 48 बीमा दावे मंजूर करते हुए संबंधित लोगों को कुल 4.34 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान किया गया। इस अवधि में 55 बीमा दावे “बंद” कर दिए गए, जबकि 52 अन्य बीमा दावों पर फिलहाल विचार किया जा रहा है।
आरटीआई से यह जानकारी भी मिलती है कि ऑनलाइन रेलवे टिकटों पर यात्रा बीमा योजना एक सितंबर 2016 से शुरू की गई थी। इसके बाद 10 दिसंबर 2016 से ऑनलाइन टिकट बुक कराने वाले सभी रेल यात्रियों के लिये इसे मुफ्त किया जा चुका है। यानी तब से इस योजना के प्रीमियम का भुगतान सरकारी खजाने से किया जा रहा है। फिलहाल ऑनलाइन टिकट बुक कराने वाले हर व्यक्ति के यात्रा बीमा (प्रति व्यक्ति प्रति ट्रिप) के बदले संबंधित कंपनी को 68 पैसे का प्रीमियम सरकार की ओर से चुकाया जा रहा है। बीमित व्यक्ति के रेल यात्रा के दौरान किसी दुर्घटना में हताहत होने पर इस योजना के तहत अधिकतम 10 लाख रुपये के मुआवजे के भुगतान का प्रावधान है।