फतेहाबाद

सरकार किसानों की आय दौगुनी करने की दिशा में प्रयासरत : डा.रमेश यादव

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष डा.रमेश यादव ने कहा है कि केंद्र तथा प्रदेश की सरकार किसानों की आय को दौगुनी करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है और इसके लिए व्यापक कार्य योजना के तहत अनेक कार्यक्रम व अभियान चलाए गए है। इन कार्यक्रमों व अभियान के सकारात्मक परिणाम भी सामने आए है। बुधवार को फतेहाबाद में जिला किसान परामर्श गोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस अवसर पर उपायुक्त डा. हरदीप सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण तथा बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।

अपने संबोधन में फसल बीमा योजना का उल्लेख करते हुए डा. रमेश यादव ने कहा कि इस योजना के लागू होने से खेती का जोखिम कम हुआ है। सरकार ने भावांतर भरपाई योजना लागू करके सब्जी की पैदावार करने वाले छोटे किसानों को भी संरक्षित मूल्य प्रदान किया है। इसी प्रकार से खेती को जहर मुक्त करने की दिशा में भी अनेक कदम उठाए गए है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों के लिए बेहतर मार्केटिंग करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। डॉ यादव ने खेतों में फसलों के अवशेष जलाए जाने की घटनाओं पर गहन चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान समय में फसली अवशेष जलाना एक गंभीर समस्या है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता ही है, साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी समाप्त होती जा रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों को जल संरक्षण की दिशा में भी गंभीरता से विचार करके सिंचाई की ऐसी विधियों को अपनाना होगा, जिनमें कम पानी के प्रयोग से फसलों की ज्यादा पैदावार प्राप्त की जा सकती है। डॉ यादव ने कहा कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए किसानों को परंपरागत फसलों के स्थान पर दलहन जैसी फसलों की पैदावार भी करनी होगी।

इस अवसर पर अपने संबोधन में उपायुक्त डा. हरदीप सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा कृषि तथा किसानों के लिए जो पहल की गई है, उतनी शायद पूरे देश में किसी भी राज्य में नहीं है। किसान आयोग, कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, विश्वविद्यालय, सहकारिता तथा किसान कल्याण के लिए अन्य विभाग व संस्थाओं इत्यादि का एक बड़ा नेटवर्क प्रदेश में स्थापित है। उन्होंने कहा कि जिला के प्रगतिशील किसानों ने फसली अवशेष का उचित निपटान करने की दिशा में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उम्मीद है कि अन्य किसान भी प्रगतिशील किसानों का अनुसरण करेंगे।

डा. हरदीप सिंह ने कहा कि फसली अवशेष को जलाकर केवल पर्यावरण को दूषित करने के दोषी ही हम नहीं बनते बल्कि फसली अवशेष को आग लगाने से बड़ी संख्या में जीव हत्या भी होती है, जिसका पाप भी हमें ही लगता है। फसलों की उपज को बढ़ाने वाले मित्र कीट भी आग में खत्म हो जाते हैं। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक तकनीकों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करके खेती करने का आह्वान किया। इसके साथ ही किसानों से कृषि के साथ-साथ कृषि संबद्ध व्यवसाय अपनाने का भी आह्वान किया गया।

कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील किसानों के अनुभवों को भी सांझा किया गया। प्रगतिशील किसानों ने जिला प्रशासन द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

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