हिसार

पेड़ को बचाने के लिए बुजुर्ग दंपति को भुगतनी पड़ रही है मानसिक प्रताड़ना

आदमपुर (अग्रवाल)

एक तरफ सरकार और प्रशासन पेड़ बचाने और पौधारोपण करने के लिए जनजागरण अभियान पर हर साल करोड़ो रुपए खर्च करती है, दूसरी तरफ जवाहर नगर ग्राम पंचायत में एक हरे पेड़ को बचाने का खमियाजा एक बुजुर्ग दंपति को मानसिक रुप से प्रताड़ना के रुप में भुगतना पड़ रहा है।
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असल में वार्ड नम्बर 11 निवासी ​जयसिंह ने अपने बच्चों के साथ मिलकर 20 साल पहले एक पौधा लगाया था। उसकी देखभाल करके पौधे को पेड़ के रुप में विकसित किया। अब 20 साल बाद उस पेड़ पर कुछ लोगों की नजर है। ये लोग इस पेड़ को कटवाना चाहते है। वहीं बुजुर्ग जयसिंह व उनकी धर्मपत्नी ने इस पेड़ को बचाने के लिए दिन—रात कर रखा है।

क्या है पूरा मामला
ये पूरा मामला उस समय आरंभ हुआ जब वार्ड नम्बर 11 में विधायक आदर्श ग्राम योजना के तहत जयसिहं के घर से नंदलाल ठाकर के मकान तक गली निर्माण के लिए 3.92 लाख रुपए की ग्रांट आई। सरपंच को इस ग्रांट से यहां सड़क बनवानी थी। इसके चलते सरपंच ने इस गली को उखाड़ दिया। इसके बाद इस गली में रहने वाले कुछ लोगों ने नई गली बनने से पहले एक किनारे पर खड़े पेड़ को कटवाने के लिए सरपंच पर दवाब बनाना आरंभ कर दिया। सरपंच ने बिना पैमाइश के पेड़ कटवाने से मना कर दिया और गली निर्माण का काम बंद कर दिया।

जब बुजुर्ग दंपति को पेड़ कटवाने की कोशिश का पता चला तो उन्होंने सीएम विंडो में अर्जी लगवाकर पैमाइश करवाई। इस दौरान पैमाइश के साथ ही साफ हो गया कि पेड़ गली में ना होकर एक किनारे पर है। साथ ही बुजुर्ग जयसिंह द्वारा मांगी गई सीएम विंडो के जवाब में साफ तौर पर लिखा गया है कि गली का निर्माण बिना पेड़ काटे किया जायेगा क्योंकि पेड़ गली में किसी प्रकार की कोई रुकावट पैदा नहीं करता है। इसके अलावा क्षेत्रिय वन मंडल हिसार के वन मंडल अधिकारी ने साफ तौर पर इस हरे पेड़ को किसी भी कीमत पर ना काटने के आदेश दे रखे है।

क्या कहते है बुजुर्ग दंपति
बुजुर्ग जयसिंह ने आरोप लगाया कि सीएम विंडो से लिखित आदेश के बाद भी खंड विकास कार्यालय आदमपुर के अधिकारी सत्ताधारी कुछ लोगों के दवाब में गली का निर्माण न करने के मौखिक आदेश सरपंच को दे रहे है। इसके चलते पिछले कई माह से गली का निर्माण रुका हुआ है। उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व खंड विकास अधिकारी ने दोनों पक्षों को अपने कार्यालय में बुलाया। इस दौरान अधिकारी ने उन पर पेड़ कटवाने के लिए सहमति देने के लिए अनावश्यक रुप से दवाब बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनके घर के आगे से गली को ग्राम पंचायत द्वारा खोदा गया है। अब इस गली में गढ्ढे हो गए है। बरसात का पानी भर गया है। ऐसे में बड़ी उम्र होने के कारण वे घर से निकल भी नहीं पा रहे है। उनका कहना है कि सरपंच से जब गली बनवाने की बात करते है तो उनका कहना है कि जब तक सभी रजामंद नहीं होंगे, गली नहीं बनेगी।

क्या बोले सरपंच
सरपंच प्रीतम सिंह ने बताया कि इस गली में 20 फुट के टुकड़े को छोड़कर बाकि निर्माण हो चुका है। 20 फुट के टुकड़े में हरा पेड़ है। इसको बचाने और कटवाने को लेकर दो धड़े बने हुए है। दोनों धड़े सीएम विंडो में गए हुए है। जब तक सीएम विंडो से दोनों पार्टियों का निपटारा नहीं हो जाता वे इस टुकड़े को नहीं बनायेंगे।

क्या कहते है अधिकारी
वहीं खंड विकास कार्यालय में नियुक्त पटवारी भजनलाल ने बताया कि ग्राम पंचायत ने पेड़ को कटवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय में प्रस्ताव पारित करके भेज रखा है। लेकिन उपायुक्त कार्यालय से इस बारे में कोई जवाब अब तक नहीं मिला है। उपायुक्त कार्यालय यदि पेड़ को कटवाने की अनुमति देता है तो पेड़ को काटकर गली बनवा दी जायेगी, यदि उपायुक्त कार्यालय पेड़ को काटने की अनुमति नहीं देता है तो पेड़ के रहते ही गली बनवा दी जायेगी।

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