भिवानी हरियाणा

यशपाल मलिक को हवासिंह सांगवान ने बताया ‘ठगपाल’

भिवानी,
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान व युवा प्रदेशाध्यक्ष सत्यजीत पिलानियां ने आज जाट धर्मशाला में प्रेस वार्ता के दौरान संयुक्त रूप से कहा कि यशपाल मलिक ने मार्च 2017 व फरवरी 2018 में सरकार के साथ जो समझौते किए, वे सरकार से मिलकर सरेआम जाटों को धोखा देने की एक साजिश थी। इसे अब यशपाल मलिक स्वयं स्वीकार कर रहे हैं। जाट समुदाय को धोखा दे​ते हुए यशपाल मलिक ने कुछ दिन पहले अपने चंदाखोर साथियों को प्रचार में लगा रखा था कि सरकार ने केस वापिस ले लिए हैं, जबकि सरकार ने केवल यशपाल मलिक पर बने देशद्रोह का केस वापिस लिया था। आज तक किसी को मालूम नहीं है कि सरकार ने यशपाल मलिक पर देशद्रोह का केस क्यों लगाया और क्यों वापिस ले लिया?

कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाने की जांच में सीबीआई रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो चुका है कि इसने दूर बैठकर टेलीफोन के जरिये मनोज दूहन और सुदीप कलकल आदि नवयुवकों को घर जलाने के लिए भडक़ाया था। जबकि लोकेशन के अनुसार जो लडक़े घटनास्थल के पास थे, उनके विरोध में केस दर्ज हो चुके हैं, जबकि यशपाल मलिक जो दूर से बैठकर युवाओं को भड़का रहा था, उसके खिलाफ केस दर्ज होना अभी शेष है।

आज यशपाल मलिक को हरियाणा के काफी जाट ठगपाल कहने लगे हैं। वह छह साल से हरियाणा में तांडव कर रहा है और अपने आप को राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहा है, जबकि वह उत्तरप्रदेश व पंजाब आदि में कोई आंदोलन नहीं करता। क्या उन राज्यों के जाटों को आरक्षण की आवश्यकता नहीं है?
यह ठगपाल मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को गालियां देता फिर रहा है। समैण गांव तथा रोहतक के जाट युवकों के विरुद्ध केस दर्ज करवा रहा है और वहीं दूसरी तरफ सरकार से बोलता है कि जाटों के केस वापिस ले लिए जाएं। आखिर ये इसका कैसा खेल है? यही व्यक्ति हरियाणा के सैंकड़ों युवाओं का भविष्य खराब करने का जिम्मेवार है तथा प्रदेश में संपत्ति को जलाने का भी काम किया है। एक तरफ यह दूसरों का हुक्का पानी बंद कर रहा है, जबकि इसका सन् 2012 में जींद और हांसी में हरियाणा की खापें बहिष्कार कर चुकी हैं। इसी व्यक्ति ने हरियाणा की खापों में फूट डालने का भयंकर षड्यंत्र रचा, जिस कारण हरियाणा की कई खापों में दो-दो अध्यक्ष हो गए।

अभी-अभी कुछ दिन पहले यशपाल ​मलिक ने बयान दिया कि एक भी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज होगा तो वो आंदोलन करेंगे, जबकि पचास से भी ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो चुके हैं और निकट भविष्य में इसके खिलाफ भी केस दर्ज होगा। इसलिए अब वह 16 अगस्त से आंदोलन करके दिखाए। हमारे संगठन का 7 मई से जींद में धरना चल रहा है और हमने फैसला लिया है कि 13 सितंबर को शहीदी रैली करके उसमें आगे की नीति तैयार की जाएगी तथा हम हर हालत में स्टेट और केंद्र में आरक्षण लेकर रहेंगे।

इस अवसर पर उनके साथ एडवोकेट राजनारायण पंघाल, राजसिंह घणघस, वेदपाल धनाना, एडवोकेट पंकज श्योराण, प्रवीण नैन व जोगेंद्र तालू आदि थे।

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