हिसार

अधिकारी कर रहे है ग्रामीणों को जागरुक, नाटक—संगीत के माध्यम से लोगों को बताई कल्याणकारी योजनाएं

हिसार,
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग ने सोमवार सायं गांव जगान में रात्रि ठहराव कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया गया। इस दौरान ग्रामीणों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई तथा उनसे इनका लाभ उठाने का आह्वान किया। रात्रि ठहराव कार्यक्रम में जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक डॉ. साहिब राम गोदारा, डीआईपीआरओ पारू लता, एडीसी कार्यालय से जिला परियोजना अधिकारी डॉ. राजकुमार नरवाल तथा कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
रात्रि ठहराव कार्यक्रम में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर आधारित एक प्रभावशाली नाटक प्रस्तुत किया जिसमें ग्रामीणों को बेटियों के महत्व के बारे में बताते हुए उन्हें बेटों के बराबर समझने की नसीहत दी गई। कलाकारों ने नाटक में दिखाया कि बेटियों की कमी से समाज का ताना-बाना बिगड़ रहा है जिसके पीछे बेटियों की शादी पर होने वाला खर्च तथा शादी के पश्चात उनकी प्रताडऩा प्रमुख कारण हैं। नाटक में महिला कलाकार अपने पति से पूछती है कि मेरे पिता ने आपके पिता को अपनी बेटी का दान दिया है और दान देने वाला दाता होने के नाते हमेशा बड़ा होता है तो मेरा पिता आपके पिता से छोटा किस प्रकार हो सकता है। इस पर ग्रामीणों ने जोरदार तालियां बजाकर महिला कलाकार के तर्क का समर्थन किया। नाटक में कलाकारों ने बेटियों की कमी से बिगड़ते सामाजिक ताने-बाने की प्रभावशाली प्रस्तुति करते हुए ग्रामीणों में संवेदना पैदा करने का सफल प्रयास किया। इसके अलावा गीतों, कविताओं व अन्य तरीकों से भी ग्रामीणों को सामाजिक कुरीतियों का त्याग करने का आह्वान करते हुए सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई।
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक डॉ. साहिब राम गोदारा ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार जन संपर्क विभाग द्वारा हर माह कम से कम दो गांवों में रात्रि ठहराव कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें ग्रामीणों को मनोरंजक ढंग से सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाई गई हैं जिनका लाभ पात्र व्यक्तियों को जरूर उठाना चाहिए।
जिला परियोजना अधिकारी डॉ. राजकुमार नरवाल ने ग्रामीणों को मनरेगा योजना की जानकारी देते हुए कहा कि ग्रामीण इस योजना के तहत जितने मर्जी पैसे सरकार से ले सकते हैं। इसके लिए न तो बजट की कोई कमी है और न ही कामों की। उन्होंने बताया कि गांव में होने लायक 250-300 ऐसे काम हैं जो मनरेगा के माध्यम से करवाए जा सकते हैं। ग्रामीण अपने घर, प्लाट या खेत में गोबर गैस प्लांट लगवा सकते हैं। गड्ढा खोदने का काम मनरेगा के माध्यम से मुफ्त में करवाया जा सकता है। इसी प्रकार केचुंआ खाद बनाने, जल संरक्षण के लिए कुंड आदि बनवाने जैसे सैकड़ों कार्य मनरेगा के माध्यम से करवाए जा सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन, दूध प्रसंस्करण प्लांट तथा प्रधानमंत्री आवास जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी देते हुए इनका लाभ उठाने का आह्वान किया।
कृषि विभाग के डॉ. बलवान सिंह ने बताया कि हमारी भूमि एक जीवित इकाई है और यदि फसल निकालने के बाद हम इसमें आग लगाते हैं तो इसका सीना भी जलता है और इसके भीतर मौजूद जिंदा मित्र-कीट जलकर राख हो जाते हैं जिससे जमीन बंजर हो सकती है। इतना ही नहीं, अवशेषों को आग लगाने से पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। यदि हमें अपना भविष्य सुरक्षित रखना है तो हमें फसल अवशेषों को आग लगाने की प्रवृति पर रोक लगानी होगी। अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा कई प्रकार के जरूरी उपकरणों पर भारी-भरकम अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए कस्टम हायरिंग सेंटर भी खोले गए हैं जहां से किसान ये उपकरण किराए पर लेकर भी अवशेषों का प्रबंधन कर सकते हैं। उन्होंने विभाग की अन्य कई योजनाओं की जानकारी भी किसानों को दी।
इस अवसर पर सरपंच रामकुमार, एआईपीआरओ छोटू राम, सत्यपाल सिंह, डॉ. पवन धींगड़ा, रामसिंह, इंद्रसिंह, नत्थुराम, कृष्ण, बहादुर, मोहनलाल, उग्रसेन, रतन, वेदपाल, बलवान व पालीराम सहित अन्य विभागों के कर्मचारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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