हिसार,
हौसले के आगे कोई भी बाधा टिक नहीं सकती, यदि मन में उत्साह और कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। अपने इसी हौंसले की बदौलत मंगाली निवासी मोहित बिश्नोई पुत्र अनूप पूनिया दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माऊंट किलिमंजारो की चढ़ाई करने का सपना पूरा करने जा रहा है। खानक में रहने वाले लगभग 19 वर्षीय मोहित बिश्नोई ने बताया कि वह माऊंट किलिमंजारो की 16 नवंबर 2018 को चढ़ाई शुरू करेगा जिसकी ऊंचाई 5895 मीटर है।
मोहित बिश्नोई ने बताया कि हिसार के माऊंट एवरेस्ट विजेता रोहताश खिलेरी से प्रेरणा लेकर उसने माऊंटेनरिंग फील्ड में कदम रखा और रोहताश से ही उसने गाइडलाइन लेकर पर्वतारोहण अभियान की शुरुआत की। उसने अपने पर्वतारोहण की शुरुआत के लिए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में स्थित जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ विंटर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से 29 अगस्त से लेकर 21 अक्तूबर तक बेसिक कोर्स की ट्रेनिंग ली। बेसिक कोर्स में हमें रॉक क्लाइंबिंग करना, रेपलिंग करना आइस क्लाइमिंग करना, रोप को अलग-अलग तरह से बांधना जैसी बहुत सारी एक्टिविटी करना सीखाञ इस प्रकार उसने एक महीने का कोर्स किया, फिर हिमालयाज एक्सपीडिशन नाम की कंपनी से कांटेक्ट किया और माऊंट किलिमंजारो अभियान की शुरूआत की।
माऊंट किलिमंजारो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी है और इसकी ऊंचाई 5895 मीटर है। मोहित के अनुसार वह इस माउंटेन फील्ड में अशोक शुक्ल और रोहतास खिलेरी को अपना गुरु मानता है और उन्हीं की बदौलत में किलिमंजारो की चढ़ाई करने जा रहा हूं। इस चढ़ाई के लिए उसके परिवार के सुभाष पूनिया, लीलूराम, नरेश पूनिया और बड़े भाई सुखचैन बिश्नोई ने प्रेरित किया और उत्साह बढ़ाया।