हिसार

गांव खानक के छोरे 19 वर्षीय मोहित बिश्नोई ने किलीमंजारो पर फहराया तिरंगा

हिसार,
गांव खानक निवासी मोहित बिश्नोई पुत्र अनूप पूनिया ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलीमंजारो जिसकी ऊंचाई 5895 मीटर है, पर तिरंगा झंडा फहरा कर देश व अपने गांव का नाम रोशन किया है। मोहित ने 18 नवंबर को तंजानिया से प्रात: 6बजे चढ़ाई शुरू की व 21 नवंबर को प्रात: 11 बजकर 45 मिनट पर अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। मोहित ने इस चढ़ाई को 96 घंटे में पूरा किया। हिसार वापसी पर मोहित बिश्नोई ने एक निजी रेस्तरां में अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि जब वे बेस कैंप से निकले तो भारी मात्रा में स्नो फॉल हो रहा था और मौसम काफी खराब था। उन्हें यह भी जानकारी दी गई कि अगर वे आज रुक गए तो फिर वे अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन मोहित ने हिम्मत नहीं हारते हुए अपनी चढ़ाई जारी रखी जबकि किसी अन्य देश की टीम ने खराब मौसम के चलते वापिस लौटने का निर्णय लिया। मोहित ने कहा कि यदि आपका हौसला मजबूत हो तो उसके आगे कोई भी बाधा टिक नहीं सकती यदि मन में उत्साह और कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही हमारे साथ हुआ और हमने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया। रास्ते में अनेक कठिनाइयां आई जिसमें सबसे बड़ी समस्या खाने की थी क्योंकि वहां पर शाकाहारी भोजन उपलब्ध नहीं था जिसके चलते उन्हें सीमित मात्रा में शाकाहारी भोजन करना पड़ा।
मोहित विश्नोई ने हिसार के माउंट एवरेस्ट विजेता रोहताश खिलेरी से प्रेरणा लेकर उन्होंने माउंटेनरिंग फील्ड में कदम रखा और उन्हीं से गाइडलाइन लेकर पर्वतारोहण अभियान की शुरुआत की। अपने पर्वतारोहण की शुरुआत जम्मू कश्मीर के पहलगाम में स्थित जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ विंटर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट से 29 अगस्त से लेकर 21 अक्टूबर तक बेसिक कोर्स की ट्रेनिंग ली। बेसिक कोर्स में उन्हें रॉक क्लाइंबिंग करना, रेपलिंग करना आइस क्लाइमिंग करना, रोप को अलग अलग तरह से बांधना जैसी बहुत सारी एक्टिविटी करना हमने सीखा इस प्रकार मैंने 1 महीने का कोर्स किया फिर उन्होंने हिमालयाज एक्सपीडिशन नाम की कंपनी से कांटेक्ट किया और माउंट किलिमंजारो अभियान की शुरुआत की माउंट किलिमंजारो साउथ अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी है और इसकी ऊंचाई 5895 मीटर है। उन्होंने बताया कि वे माउंटेन फील्ड में अशोक शुक्ल, विकास राणा व रोहतास खिलेरी को अपना गुरु मानते हैं और उन्हीं की बदौलत में किलिमंजारो की चढ़ाई करने जा रहा हूं और इस चढ़ाई के लिए मुझे मेरी फैमिली सुभाष पूनिया, नरेश, लीलू राम पुनिया और बड़े भाई सुखचैन बिश्नोई ने सपोर्ट किया। प्रेस वार्ता में अनूप बिश्नोई, सुभाष पूनिया, लीलू राम, रोहताश खिलेरी आदि मौजूद रहे।

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