नई दिल्ली,
केन्द्रीय रिजर्व बैंक अपनी छठी मौद्रिक समीक्षा नीति का ऐलान कर दिया है। RBI ने रेपो रेट 6.5 से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। जबकि रिवर्स रेपो रेट भी घटाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया गया है। रेपो रेट में कटौती से आम आदमी को राहत मिलने वाली है, अब होम लोन के ब्याज दरों में कटौती होगी। एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट में कटौती के फैसले का समर्थन किया, जबकि विरल आचार्य और चेतन घाटे रेपो रेट में कटौती के पक्ष में नहीं थे।
RBI का कहना है कि 2019-20 में देश की GDP की रफ्तार 7.4% रह सकती है। जबकि महंगाई की दर 2019-20 के पहले क्वार्टर में 3.2, दूसरे में 3.4% और तीसरे हाफ में 3.9 क्वार्टर तक रह सकती है। आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए किसानों को मिलने वाले लोन की लिमिट भी बढ़ाई है। अब बिना किसी गारंटी के किसानों को 1.60 लाख तक का लोन मिल सकेगा, पहले ये लिमिट 1 लाख रुपये तक की थी। इसके लिए जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा।
दरअसल अपनी द्विपक्षीय मौद्रिक समीक्षा में केन्द्रीय बैंक देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था से मिल रही चुनौतियों को मापते हुए देश के सभी सरकारी और गैर-सरकारी बैंकों के लिए रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो निर्धारित करता है। रेपो रेट वह दर है जिसपर देश का कोई बैंक रिजर्व बैंक से कम अवधि का कर्ज लेता है। रेपो रेट से देश में ब्याज दरें निर्धारित की जाती है जिसपर कारोबारी और आम बैंक उपभोक्ता को बैंक से लिए गए कर्ज अथवा बैंक में जमापूंजी पर ब्याज मिलता है। वहीं कैश रिजर्व रेशियो किसी बैंक के पास मौजूद कुल मुद्रा का वह हिस्सा है जो केन्द्रीय बैंक के अधीन है। इस रेशियो को बढ़ा घटा कर रिजर्व बैंक बाजार में तरलता और बैंक की कर्ज देने की क्षमता में परिवर्तन करता है।
तीन दिनों तक चलने वाली बैठक के आखिरी दिन होने वाले ऐलान पर देशभर के कारोबारियों की नजर इसलिए भी रहती है कि वह मौजूदा समय में महंगाई का आकलन किस तरह कर रहा है। इसके अलावा केन्द्रीय बैंक केन्द्र सरकार की जारी और प्रस्तावित योजनाओं का सरकारी खजाने पर पड़ने वाले असर का भी आकलन करते हुए केन्द्र सरकार को सलाह देने का काम करता है। गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मौद्रिक नीति को लेकर विवाद सामने आए हैं। इन विवादों के चलते पूर्व के गवर्नरों ने केन्द्र सरकार पर रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को सुरक्षित रखने की बात कही है।