हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कांफेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने प्रदेश के व्यापारी व किसानों से बातचीत करने के उपरान्त कहा कि सरकार व्यापारी व किसानों को बर्बाद करने में तुली हुई है। सरकार हर रोज मनमाने ढ़ंग से फरमान जारी करती है—इसका व्यापार पर काफी विपरीत असर पड़ रहा है।
नए आदेशों में हरियाणा सरकार ने गेहूं खरीद बीसीपीए के माध्यम से ना करवाने का निर्णय लिया है। अब गेहूं की खरीद को सीधे सरकारी एजेंसियां करेगी। इस बार गेहूं कि खरीद में बीसीपीए के माध्यम से नहीं होगा। जिससे गेहूं खरीद में बारदाना व गेहूं खरीद के भुगतान में बड़ी भारी दिक्कत आएगी।
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि इसी प्रकार सरसों खरीद में आढ़त 2.5 रूपये देने की वजह सरकार ने आढ़त 1.25 रूपये कर दी है। जो पिछली बार आढ़त 2.5 रूपये दी गई थी और हैफेड एजेंसी में 4200 रूपए क्विंटल सरसों खरीद में सिर्फ आढ़तियों को 40 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन देकर हैंडलिंग एजेंट बनाया गया है और उसके बावजूद भी सरकार सरसों खरीद में व्यापारियों से 5 लाख रुपए सिक्योरिटी व सरसों में घटती आने, क्वालिटी बढि़या न होने व सरसों चोरी होने के नुकसान की जिम्मेदारी आढ़ती की फिक्स की है। यह सरासर गलत है। सरसों की खरीद सरकारी एजेंसी हैफेड व फूड सप्लाई कर रही है जिसका सिर्फ 40 रूपये प्रति क्विंटल कमिशन आढ़ती को मिलेगा। उसके बावजूद भी सारी जिम्मेदारी आढ़ती पर डालना व्यापारियों के साथ भद्दा मजाक है।
उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार किसान व आढ़तियों को अनाज खरीद में नाजायज तंग करने में लगी हुई है। किसान की फसल सरकारी एजेंसी द्वारा ठीक ढंग से नहीं खरीदी जा रही, ना ही किसानों को फसल के पूरे दाम मिल रहे हैं। आढ़तियों को पूरी आढ़त ना मिलने के बावजूद भी आढ़तियों के कमीशन के पैसों को अनाज घटती के नाम पर सरकारी एजेंसी नाजायज रुप से काट लेती है। इससे आढ़तियों को भारी नुकसान हो रहा है। अगर सरकार ने अपनी पॉलिसी में बदलाव नहीं किया तो प्रदेश का व्यापारी व किसान सड़कों पर आ जाएगा।