हिसार,
लाला लाजपत राय पशु-चिकित्सा एवं पशु-विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास), हिसार में महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय जी की जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह व लुवास के अन्य अधिकारीयों द्वारा उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने लाला जी द्वारा किए गए कुछ विशेष कार्यों को याद किया जिनमें पंजाब नैशनल बैंक की स्थापना, हिन्दू ऑरफन रिलिफ आंदोलन, असहयोग आंदोलन, सायमन कमीशन का विरोध आदि उल्लेखनीय हैं। उन्होंने कहा कि लाला लाजपत राय देश के अग्रणी स्वन्त्रता सेनानी थे और हमें समय-समय पर देश के लिए कुर्बानी देने वालों को याद करते रहना चाहिए, इससे देश की युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण निदेशक एवं एस्टेट ऑफिसर डॉ. त्रिलोक नंदा ने लाला लाजपत राय जी की जीवनी पर विस्तृत प्रकाश डाला और बताया कि लाला जी की कर्मभूमि हिसार शहर भी रहा है और इसी शहर में उन्होने अपने प्रारंभिक जीवनकाल के दौरान वकालत की प्रैक्टिस की। यहां रहते हुए उन्होने दयानंद एंगलो वैदिक स्कूल की स्थापना की और वे स्वामी दयानंद सरस्वती के अनुयायी बने। उन्होंने आगे बताया कि ‘शेर-ऐ-पंजाब’ लाला लाजपत राय जी की जयंती के अवसर पर 27 जनवरी को विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘राष्ट्र निर्माण में लाला लाजपत राय का योगदान’ था। इस प्रतियोगिता में 22 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिसमें प्रथम बुलबुल और द्वितीय स्थान पर अमनदीप गोयल रहे। दोनों विजेता प्रतिभागियों को कुलपति डॉ. गुरदियाल सिंह द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अधिष्ठाता कालेज आफ वेटनरी साईंस डा. दिवाकर शर्मा, अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल, कुलसचिव डॉ. हरीश कुमार गुलाटी, डीन पी.जी.एस. एवं विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. जगतबीर फोगाट, ओ.एस.डी. डॉ. प्रदीप बामल, ऐ.डी.एस.डब्लू. डॉ. सोनिया सिन्धु, अन्य अधिकारी व विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।