हिसार

कौशल ज्ञान देकर रोका जा सकता गांवों से पलायन : डॉ. संजेश सिंह

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थान में कटाई व सिलाई, ज्वैलरी मेकिंग, दूध से बने उत्पाद, मधु मक्खी पालन, फल व सब्जी परिरक्षण व मशरूम उत्पादन सहित सात प्रशिक्षणों का समापन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.पी. सिंह की धर्मपत्नी डॉ. संजेश सिंह थी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर केन्द्रीय अनुसंधान भैंस, हिसार के निदेशक, डॉ. एसएस दहिया उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता, गृह विज्ञान महाविद्यालय, डॉ. बिमला ढाण्डा ने की। ज्वैलरी मेकिंग, दूध से बने उत्पाद, व फल व सब्जी परिरक्षण प्रशिक्षण केन्द्रीय अनुसंधान भैंस, हिसार द्वारा आयोजित किये गये।
डॉ. संजेश सिंह ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत देश में अधिकतर आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर आधारित है। परन्तु बढ़ती हुई जनसंख्या, आवासीयकरण व औद्योगिकरण के कारण कृषि योगय भूमि निरन्तर घट रही है। बेरोजगारी को कम करनेे के लिए हमें युवाओं को कौशल ज्ञान देकर उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। शुरूआत में युवा किसी लघु व्यवसाय से शुरूआत करके भविष्य में सफल उद्यमी बनकर दूसरे ग्रामीण बेरोजगार युवकों को भी रोजगार दे सकता है। ऐसा होने पर जो ग्रामीण रोजगार के अभाव में गाँवों से शहरों की तरफ पलायन हो रहा है, उसको काफी हद तक कम किया जा सकता है।
उन्होनें कहा कि बेरोजगार युवक भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजनाएं जैसे कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अचल के युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करना है। ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण ग्रामीण भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। महिलाओं को विकास की मुख्यधारा में आना समय की मांग है।
मुख्य अतिथि ने 200 प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट भी वितरित किए व उनके उज्जवल भविष्य की भी कामना की।
डॉ. दहिया ने प्रतिभागियों से अपील की कि इन प्रशिक्षणों से प्राप्त ज्ञान से स्वयं का कार्य शुरू करें व साथ ही पशु पालन सही तरीके से करने पर लाखें रूपये की आमदनी भी करें।
डॉ. बिमला ढाण्डा ने कहा कि प्रदेश में स्थापित विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों पर भी विभिन्न तरह के प्रशिक्षण ग्रामीण युवाओं व महिलाओं के लिए समय-समय पर आयोजित होते रहते है। सह निदेशक प्रशिक्षण, डॉ. मंजू दहिया ने सभी का स्वागत किया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुरेन्द्र सिंह ने किया।

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