हिसार,
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कहा है कि हाल में हुई भारी वर्षा, ओलावृष्टि व अंधड़ से हिसार जिले के किसानों की रबी की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हंै। कटी हुई सरसों की फसलें अंधड़ व ओलावृष्टि से खराब हो गई है। गेहंू जमीन पर गिरी पड़ी है। उसकी बालियां जमीन पर टिक गई हैं जिससे गेहंू की फसल में भारी खराबा है। प्रकृति के साथ ही साथ सरकार भी किसानों के साथ अन्याय कर रही है। रबी की फसलें 1 अप्रैल से एमएसपी की दर से सरकार को खरीदनी थी जोकि अब 15 अपै्रल से सरसों व 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद करने की बात कह रही है। लॉकडाऊन की वजह से फसलें खरीदने में देरी हो रही है परन्तु बैंक अपने कर्ज चुकाने के लिए किसानों को मजबूर कर रहे हैं। पहले भी अंधड़ व ओलावृष्टि से खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी सरकार ने नहीं की है। केवल उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला तथा कृषि मन्त्री जे.पी. दलाल ने स्पेशल गिरदावरी करवाने के ब्यान दिये थे, जिनकी सरकार ने धज्जियां उड़ा दी हैं। कहीं भी अभी तक स्पेशल गिरदावरी नहीं हुई है।
किसान सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कहा कि 19 मार्च को जिला उपायुक्त को खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी का ज्ञापन दिया था तथा उन्होंने खराबा वाले गांवों की सूची मांगी थी जोकि 20 मार्च को दे दी गई थी किन्तु आज तक पहले की स्पेशल गिरदावरी नहीं हुई है और दोबारा फिर फसलें खराब हो गई है। ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में मात्रश्याम, शाहपुर, न्योलीकंला, न्योलीखुर्द, खोखा, खरकड़ी, धांसू, बुलानी, धिकताना, बुगाणा, जुगलान, सरसोद, पंघाल, जेवरा, तलवन्डी राणा, राजली, घिराये, बास तहसील के 13 गांवों की फसलें जलभराव के कारण पहले ही खराब हो गई थी। अब 27 मार्च को फिर वर्षा से जलभराव की स्थिति आ गई है। भाटोल जाटान व भाटोल रांगडान, जीतपुरा, गढ़ी, सोरखी, बाण्डाहेड़ी, खरकड़ा, ढाणां कला, रामायण, ढंढेरी, देपल में भी फसल खराबा है। अंधड़ से गोरछी, गावड़, सिरहाना, बुडाक, बालसमंद व बाण्डाहेडी में फसलें जमीन पर बिछ गई है। अभी सरकार को तुरंत ड्रोन से स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपए मुआवजा देना चाहिए तथा लॉकडाऊन के चलते सरकारी खरीद केंद्र हर गांव में खुलने चाहिए व खरीफ फसलों के बीज खाद का प्रबन्ध भी इसी समय उन खरीद केंद्रों पर करना चाहिए।ड्रोन से स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा दिया जाए : किसान सभा
हिसार,
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कहा है कि हाल में हुई भारी वर्षा, ओलावृष्टि व अंधड़ से हिसार जिले के किसानों की रबी की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हंै। कटी हुई सरसों की फसलें अंधड़ व ओलावृष्टि से खराब हो गई है। गेहंू जमीन पर गिरी पड़ी है। उसकी बालियां जमीन पर टिक गई हैं जिससे गेहंू की फसल में भारी खराबा है। प्रकृति के साथ ही साथ सरकार भी किसानों के साथ अन्याय कर रही है। रबी की फसलें 1 अप्रैल से एमएसपी की दर से सरकार को खरीदनी थी जोकि अब 15 अपै्रल से सरसों व 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद करने की बात कह रही है। लॉकडाऊन की वजह से फसलें खरीदने में देरी हो रही है परन्तु बैंक अपने कर्ज चुकाने के लिए किसानों को मजबूर कर रहे हैं। पहले भी अंधड़ व ओलावृष्टि से खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी सरकार ने नहीं की है। केवल उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला तथा कृषि मन्त्री जे.पी. दलाल ने स्पेशल गिरदावरी करवाने के ब्यान दिये थे, जिनकी सरकार ने धज्जियां उड़ा दी हैं। कहीं भी अभी तक स्पेशल गिरदावरी नहीं हुई है।
किसान सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कहा कि 19 मार्च को जिला उपायुक्त को खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी का ज्ञापन दिया था तथा उन्होंने खराबा वाले गांवों की सूची मांगी थी जोकि 20 मार्च को दे दी गई थी किन्तु आज तक पहले की स्पेशल गिरदावरी नहीं हुई है और दोबारा फिर फसलें खराब हो गई है। ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में मात्रश्याम, शाहपुर, न्योलीकंला, न्योलीखुर्द, खोखा, खरकड़ी, धांसू, बुलानी, धिकताना, बुगाणा, जुगलान, सरसोद, पंघाल, जेवरा, तलवन्डी राणा, राजली, घिराये, बास तहसील के 13 गांवों की फसलें जलभराव के कारण पहले ही खराब हो गई थी। अब 27 मार्च को फिर वर्षा से जलभराव की स्थिति आ गई है। भाटोल जाटान व भाटोल रांगडान, जीतपुरा, गढ़ी, सोरखी, बाण्डाहेड़ी, खरकड़ा, ढाणां कला, रामायण, ढंढेरी, देपल में भी फसल खराबा है। अंधड़ से गोरछी, गावड़, सिरहाना, बुडाक, बालसमंद व बाण्डाहेडी में फसलें जमीन पर बिछ गई है। अभी सरकार को तुरंत ड्रोन से स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपए मुआवजा देना चाहिए तथा लॉकडाऊन के चलते सरकारी खरीद केंद्र हर गांव में खुलने चाहिए व खरीफ फसलों के बीज खाद का प्रबन्ध भी इसी समय उन खरीद केंद्रों पर करना चाहिए।