हिसार

जिंदल स्टेनलेस करेगी पीएम केयर्स कोष में पांच करोड़ रुपए का योगदान

हिसार स्थित जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में 125 बिस्तरों वाला आइसोलेशन वार्ड किया तैयार

नई दिल्ली,
कोविड-19 महामारी से मुक़ाबले में भारत सरकार के मौजूदा प्रयास को बल देते हुए जिंदल स्टेनलेस ने पीएम केयर्स कोष में पांच करोड़ रुपए के योगदान की घोषणा की है। इसके अलावा जिंदल स्टेनलेस ने चिकित्सकीय सहायता, स्वछता और राशन वितरण के क्षेत्र में एक बहुस्तरीय रणनीति भी तैयार की है। कंपनी ने इससे पहले हरियाणा मुख्यमंत्री राहत कोष में 15 लाख रुपए की धनराशि की घोषणा की थी। कंपनी के सभी कर्मचरियों ने भी इस महामारी के प्रति देश के संघर्ष में योगदान स्वरुप अपने कुल वेतन में से दो दिन की आय का योगदान किया है।
जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के समय में हम सरकार की सहायता करने और लोगों की जान बचाने के लिए एक-जुट प्रयास करने की ज़रूरत को समझते हैं। कोविड-19 महामारी मानवता को प्रभावित करने वाला अब तक का सबसे बड़ा वैश्विक संकट है। ऐसे मुश्किल समय में हम भारत सरकार और चिकित्सा समुदाय के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। इस संकट की घड़ी में खाद्य सामग्री से लेकर चिकित्सा और स्वछता से जुड़ी वस्तुओं की आपूर्ति तक, हम अपनी ओर से हर प्रकार की मदद के लिए तैयार हैं।
हरियाणा के हिसार में स्थित 580 बिस्तरों वाले मल्टी सुपर-स्पैशलिटी अस्पताल जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (जिम्स) ने आइसोलेशन वार्ड के लिए 125 बिस्तरों की व्यवस्था की है। अस्पताल 150 आईसीयू बिस्तर, 60 वेंटिलेटर, 250 मॉनिटर, 300 सिरिन्ज पम्प से लैस है और वायरस से पैदा किसी भी तरह की चिकित्सकीय आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। रोग की समय रहते जांच के लिए अस्पताल ने आइसोलेशन कक्ष के साथ एक प्रतिबद्ध फ्लू स्क्रीनिंग इकाई की भी व्यवस्था की है। करीब तीन सप्ताह पहले ओपीडी के मरीज़ों के लिए टेलीफोन द्वारा मुफ्त परामर्श भी शुरू किया गया था ताकि महामारी के विस्तार पर लगाम लग सके और अस्पताल परिसरों में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन हो सके।
कंपनी की हिसार इकाई मेडिकल ऑक्सिजन का उत्पादन कर रही है जिसे चिकित्सकीय आपात स्थिति से निपटने के लिए जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ और अग्रोहा मेडिकल कॉलेज को प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी हिसार और जाजपुर (ओड़िशा) स्थित अपनी यूनिट्स के आस-पास के क्षेत्रों में खाने के पैकेट और खाद्यान्न वितरण के माध्यम से 500 से अधिक परिवारों की मदद कर रही है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि जहां भी ज़रूरत हो वहाँ सैनिटाइज़र, मास्क और सर्जिकल दस्ताने उपलब्ध कराये जायें। साथ ही कंपनी हिसार और जाजपुर, दोनों शहरों की सफाई के लिए स्थानीय नगर निगमों की मदद कर रही है।
इसके अलावा कंपनी ने हरियाणा और ओड़िशा, दोनों राज्यों में स्थानीय किसानों को पास के शहरों के संभावित ख़रीदारों से जोड़कर बिक्री चैनल स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू की है। एनसीआर दिल्ली में कंपनी ने दिल्ली सरकार के साथ पीपीपी मॉडल के ज़रिये लॉकडाउन की घोषणा के बाद परवासी और दिहाड़ी मज़दूरों को राशन और खाद्य सामग्री वितरित की है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk