हिसार

विदेशों में पढऩे वाले बच्चों को लाने व उनकी जांच का खर्च खुद वहन करे सरकार : विचार मंच

जिला उपायुक्त को ज्ञापन देकर प्रधानमंत्री के समक्ष मांग उठाएगा विचार मंच

हिसार,
विचार मंच हिसार के सहयोग से हिसार से विदेश में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों से टेलीफोन द्वारा उनकी चिंता और उनकी समस्याओं को जाना और उनसे सरकार के सहयोग और अपेक्षाओं को जाना। विचार मंच के डॉ. राजकुमार जाखड़ ने बताया कि जैसा कि अभिभावकों ने बताया कि सरकार इस मामले में उदासीन रवैया अपना रही है, उनके बच्चे वहां शिक्षा लेने गए हैं और वो शिक्षा देश के विकास को समर्पित है परन्तु सरकार न तो उनको लाने की कोई पहल कर रही और इस बात का भी दुख है कि यहां लॉक डाउन की वजह से कमाई के स्रोत्र सीमित हो गए हैं। ऊपर से सरकार ने फरमान जारी कर दिया कि सबको उनके खर्चे पे एयर लिफ्ट किया जाएगा, टेस्ट किट का खर्चा भी खुद ही उठाना होगा। इस से बढक़र 14 दिन के एकांतवास का खर्चा भी सरकार ने पढऩे वाले बच्चों पर ही डाल दिया गया है।
डॉ. जाखड़ ने कहा कि यहां अपर्याप्त मात्रा में सीटें, उन पर कड़ी प्रतिस्पर्धा और प्राइवेट कॉलेजों की असंभव फीस के कारण बहुत से मध्यम वर्ग विश्व के गरीब देशों में जहां शिक्षा सस्ती है वहां अपने बच्चो को भेजते हैं। वे बच्चे इस देश की सम्पति हैं, वे वहां कोई व्यपार करने या कमाने गए हैं, उनकी अर्जित योग्यता देश के लिए ही है। फिर सरकार ने क्यों दोनों को बराबर कर दिया कि अपने खर्चे पे आएंगे सरकार वहन नहीं करेगी जबकि यहां जानबूझ कर बीमार होने वालों की भी सेवा मुफ्त में की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी अभिवाहकों का सरकार से आग्रह है कि उनके बच्चो को खाड़ी युद्ध की तर्ज पर संज्ञान लेते हुए विदेशों में पढऩे वाले बच्चों को सही सलामत जल्दी ले के आएं और इस खर्चे का बोझ बच्चों पे या उनके परिवार पर न डालें क्योंकि ज्यादातर बच्चे मध्यम वर्ग से संबंधित हैं और इस देश की संतान हैं। सर्व सम्मति से फैसला हुआ इस संबंध में 8 मई शुक्रवार को जिला उपायुक्त को ज्ञापन दे कर प्रधानमंत्री जी से इस बाबत अपील की जाएगी। 5 अभिभावक 8 मई शुक्रवार को 11 बजे डीसी आफिस में जा कर ज्ञापन देंगे ।v

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Jeewan Aadhar Editor Desk