आदमपुर,
अनलॉक-3 के लिए एसओपी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जाहिर है 31 जुलाई को अनलॉक-2 खत्म हो रहा है। ऐसे में अब अभिभावक अनलॉक-3 में सोशल डिस्टन्सिंग के साथ स्कूल खोलने की मांग करने लगे है। अभिभावकों का कहना है कि अगस्त माह में स्कूल एक निश्चित गाइडलाइन के अनुसार खोले जा सकते हैं।
अभिभावक मोहित बंसल का कहना है कि कस्बों और ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों को प्रयोग के तौर पर कलास के अनुसार खोला जा सकता है। उनका कहना है कि सबसे पहले 11 वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को 20—20 की संख्या में स्कूल में बुलाया जा सकता हैं। शुरुआती दौर में स्कूलों को 3—3 घंटों के लिए खोला जाए। इस प्रयोग के सफल होने पर 10वीं कक्षा को भी इसी तर्ज पर खोला जा सकता है।
वहीं सुभाष मंडेरना का कहना है कि अब बाजार पूरी तरह से खुले हैं। बच्चे बाजारों में सरेआम घुम रहे हैं। ऐसे में स्कूलों को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है। स्कूलों को कक्षा के अनुसार खोल देना चाहिए। एक दिन में यदि 2 से 3 कक्षाओं को लगाने का नियम बना दिया जाये तो भी बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर होगा। उनका कहना है कि आनलाइन शिक्षा महज खानापूर्ति है। ग्रामीण लोगों के पास एक ही मोबाइल होता है। ऐसे में 2—2 बच्चों को एक ही समय में पढ़ा पाना असंभव है। साथ ही लगातार मोबाइन प्रयोग होने से आंखों पर भी असर पड़ रहा है। ऐसे में स्कूलों को धीरे—धीरे खोल देना चाहिए।
राजेश, नरेश सोनी, भोजराज, सचिन बंसल, रामचंद्र आदि का कहना है कि बच्चें इस समय भी घरों में नहीं रह रहे। वे खेलने भी बाहर जा रहे हैं। समान लेने बाजार में भी जा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों को उचित दिशा—निर्देश के साथ एक बार ट्रायल के रुप में खोल देना चाहिए। उन्होंने कहा शुरुआती दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों को कुछ घंटों का समय देकर खोला जा सकता है।