हिसार,
जिले में मंगलवार को टिड्डी दल ने राजस्थान की ओर से दस्तक दी। इन छोटे-छोटे टिड्डी दलों ने सिवानी क्षेत्र और बालसमंद क्षेत्र की ओर से जिले की सीमाओं में प्रवेश किया। देर शाम तक किसानों ने खेतों में टिड्डियों को नहीं बैठने दिया। पशुपालन विभाग टिड्डियों को मारने के लिए उनके बैठने का इंतजार करता रहा। किसानों ने ट्रैक्टर, पोटाश आदि से शोर करके खेतों से टिड्डियों को खदेड़ दिया।
जिले के राजस्थान से लगते गांवों बासड़ा और सरसाना के खेतों के माध्यम से टिड्डी हरियाणा के गांवों में घुसीं। टिड्डियों के घुसते ही किसान सतर्क हो गए और ट्रैक्टर आदि विभिन्न उपकरणों से शोर करके टिड्डियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। शाम साढ़े सात बजे ये टिड्डियां गांव पनिहार चक्क, गोरछी और रावलवास खुर्द के खेतों पर उड़ रही थी। कृषि विभाग की टीमें लगातार निगरानी रखते हुए टिड्डी मारने के प्रबंध किए हैं। दूसरी ओर गांव रावतखेड़ा व आसपास के क्षेत्रों में भी टिड्डियों ने दस्तक दी, लेकिन जल्द ही ये भिवानी के गांवों की ओर चली गई।
दूसरी ओर सिवानी क्षेत्र के गांव लीलस, सैनीवास, देवसर सहित दर्जन भर गांवों में और हिसार जिले के गावड़ में टिड्डी दल पहुंचा। बचाव के लिए कृषि विभाग के साथ-साथ किसान भी मैदान में उतर आए और तेज ध्वनि कर टिड्डी दल को खेतों से भगाने का प्रयास किया।
विभाग के अधिकारियों के मुताबिक करीब पांच किलोमीटर लंबा यह दल अब चार वर्गों में विभाजित हो चुका है, जो धीरे-धीरे आसपास के अन्य इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. सुखदेव सिंह का कहना है कि विभाग की टीम पूरी सक्रियता के साथ मोर्चा संभाले हुए है। अभी टिड्डी दल को भगाने का प्रयास किया जा रहा है और रात के समय अगर ये कहीं भी पड़ाव डालती है तो दवा का छिड़काव कर उन्हें मारने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।