आदमपुर (अग्रवाल)
कोरोना काल में आर्थिक मंदी के बीच सब्जी विक्रेताओं की मनमानी सामने आ रही है। सब्जी के रेट बिना किसी विशेष कारण के आसमान पर एक सोची-समझी रणनीति के तहत बढ़ाए जा रहे हैं। इसका असर सीधा—सीधा आमजन की रसोई पर पड़ रहा है। गृहणियों व लोगों ने तो अब कहना शुरु कर दिया है कि यदि सब्जी वालों की मनमानी पर जल्द रोक नहीं लगी तो उनको सड़क पर उतरकर विरोध करना पड़ेगा।
क्या है रेट
इन दिनों खुदरा में आलू 40 रुपए, टमाटर 80 रुपए, फूल गोभी 100 रुपए, बंद गोभी 60 रुपए, घीया 50 रुपए, तौरी 60 रुपए, पेठा 30 रुपए, टींडा 40 रुपए, भिंडी 60 रुपए, करेला-बैंगन व अरबी 60 रुपए, प्याज 30 रुपए, खीरा 60 रुपए, शिमला तथा हरी मिर्च 80 रुपए बेची जा रही है। जबकि थोक में आलू 25 रुपए, टमाटर 40 रुपए, फूल गोभी 40 रुपए, बंद गोभी 20 रुपए, घीया 20 रुपए, तौरी 20 रुपए, पेठा 15 रुपए, टींडा 15 रुपए, अरबी-करेला और बैंगन 30 रुपए, भिंडी 25 रुपए, प्याज 15 रुपए, खीरा 25 रुपए, शिमला मिर्च 35 रुपए तथा हरी मिर्च 40 रुपए तक बिक रही है।
किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
इस समय सब्जी का रेट महंगा हुआ है लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। इस समय किसानों के खेतों में घीया, तौरी, मतीरी जैसी ही सब्जी ही हो रही है। इस समय अधिकतर सब्जी कोल्ड स्टोर से आ रही है। ऐसे में सब्जी महंगी होने का फायदा किसानों के स्थान पर व्यापारियों को हो रहा है। यही कारण है कि व्यापारी अपने हिसाब से सब्जियों को रेट तय करने में लगे हुए है।
आलू बिना मतलब हुआ महंगा
इस समय आलू का भाव बिना किसी कारण के महंगा हुआ है। असल में इस बार बरसात के कारण आलू की बिजाई लेट हुई है। ऐसे में नया आलू देरी से बाजार में आएगा। सब्जी विके्रताओं ने भविष्य के बाजार को देखते हुए वर्तमान समय में ही आलू को मंहगा बेचना आरंभ कर दिया। जबकि देशभर के कोल्ड स्टोर में आलू काफी बड़ी मात्रा में स्टोर किया हुआ पड़ा है।
क्या बोले सब्जी विक्रेता
सब्जी विक्रेता जौरा सिंह, सुरेश, सज्जन, राधेश्याम आदि का कहना है कि पीछे से थोक के भाव ही पहले की तुलना में काफी बढ़ चुके हैं। ऐसे में उन्हें खुदरा के रेट बढ़ाने पड़े हैं। उनका कहना है कि सब्जी पर आढ़त आदि लग जाने के कारण रेट में इजाफा होता है। साथ ही उनके द्वारा खरीदी गई सब्जी का एक भाग बिक ना पाने के कारण सड़ जाता है, इन सबको ध्यान में रखकर ही सब्जी का भाव तय किया जाता है।
सरकार करे कंट्रोल रेट जारी
गृहणी ममता, सिमरन, माया, सुमन, प्रियंका व डिंपल आदि ने कहा कि सरकार को चाहिए कि सब्जी वालों की मनमानी पर रोक लगाए। कोरोना काल में कामधंधे ठप्प हो चुके है। ऐसे में सब्जी वालों की एकता से बढ़े रेट को रोकने के लिए सरकार को इसमें दखल देना चाहिए। सरकार को सब्जियों का कंट्रोल रेट तय करना चाहिए और उससे महंगी सब्जी देने वालों पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। थोक और खुदरा के रेट में दोगुणा रेट का अंतर अकसर होता है इस अंतर को भी समाप्त किया जाना चाहिए।