हिसार

मरने के बाद भी जिंदा रहने के लिए रक्तदान कीजिए : सरदानंद

एमरजेंसी केसों में ब्लड की जरूरत को पूरा करने में जुटी ब्लड डोनर ग्रुप राजली की टीम

हिसार,
रक्तदान शिविर लगा कर बहुत से संगठन रक्त की जरूरत को पूरा कर रहे हैं लेकिन एक टीम ऐसी भी है जो एमरजेंसी में रक्तदान को प्राथमिकता देती है। ऐसी ही एक टीम है ब्लड डोनर ग्रुप राजली। ग्रुप के संचालक रक्तदाता सरदानंद राजली ने बताया कि उनकी टीम रक्तदान ब्लड डोनेशन कैंप की बजाए एमरजेंसी केस में ज्यादा काम करती है। कोरोना के समय में उनकी टीम ने 162 यूनिट ब्लड डोनेट किया है। उन्होंने बताया कि आज सुबह सीएमसी अस्पताल हिसार से एक व्यक्ति का फोन आया कि सिरसा निवासी मलकीत सिंह जिनका पिछले दिनों खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था, शरीर का आधा हिस्सा बिल्कुल खत्म हो गया है आज उनका एक ऑप्रेशन होना है और उसके लिए दो यूनिट ब्लड की सख्त जरुरत है। सूचना मिलने पर ब्लड डोनर ग्रुप राजली के साथी अनूप सिंह चौहान व देवेंद्र नलवा सीएमसी अस्पताल में तुरंत पहुंच गए और दो यूनिट ब्लड डोनेट किया। सरदानंद राजली ने बताया कि उन्होंने भी खुद 59 वीं बार ब्लड डोनेट किया।

सरदानंद ने बताया कि पिछले दिनों दिल्ली किसान आंदोलन से लौटते समय रास्ते में एक दोस्त का फोन आया कि बरवाला के एक निजी हॉस्पिटल में उनका कोई रिश्तेदार एडमिट है और उसे ओ पॉजिटिव बल्ड की सख्त जरुरत है। बरवाला में उनको ओ पॉजिटिव बल्ड ग्रुप नहीं मिल रहा है। इस पर उन्होंने अपने एक-दो साथियों के पास फोन किए परंतु कोई बात नहीं बनी तो वो खुद ही बरवाला जनता ब्लड बैंक में पहुंचे और एक यूनिट ब्लड डोनेट किया। अगले ही दिन हिसार सूर्योदय हॉस्पिटल हिसार से फोन आया कि बहुत ही एमरजेंसी केस है और एक यूनिट ब्लड की सख्त जरूरत है। टीम के साथी अनिल कुमार नाड़ा ने तुरंत पहुंच कर एक यूनिट ब्लड डोनेट किया। हमारी टीम का लक्ष्य है कि जीते जी रक्तदान मरने के बाद देहदान। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से कभी रक्त नहीं घटता। रक्तदान को महादान कहा जाता है। एक बार रक्तदान करके तीन लोगों की जान बचायी जा सकती है। अगर आप किसी के दिल में जीना चाहते हैं तो एक ही रास्ता है और वो है रक्तदान करके। रक्तदान से रक्तदान करने वाले के स्वास्थ्य पर इसका कोई विपरीत प्रभाव भी नहीं पड़ता है। अगर आप मरने के बाद भी जिंदा रहना चाहते हैं तो रक्तदान कीजिए। सरदानंद राजली ने कहा कि रक्त को महादान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में आप भी किसी की जिंदगी बचाने का मौका अपने हाथ से जाने मत दीजिए।

Related posts

रविवार तक कब्जे नहीं हटे तो अधिकारियों के लिए कटोरा रखकर भीख मांगेंगे : महला

Jeewan Aadhar Editor Desk

हिसार : स्कूटी और ट्रक में टक्कर, गर्दन कटकर गिरी दूर

Jeewan Aadhar Editor Desk

सेल्फ डिफेंस कोच रोहताश ने विदेश में रहते हुए भी कोरोना योद्धाओं को किया सम्मानित