हिसार

वर्तमान में ई-बुक्स शिक्षा व अनुसंधान में निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

एचएयू की नेहरू लाइबे्ररी में एबस्को ई-बुक अकादमिक संग्रह पर ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित

हिसार,
वर्तमान समय में ई-बुक्स शिक्षा व अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कोरोना काल में तो इसकी महत्ता ओर अधिक बढ़ गई है। साथ ही समाज में तेजी से बढ़ रहे सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग ने जीवन के हर पहलू को बदल दिया है। वर्तमान डिजिटल युग में प्रत्येक इच्छुक व्यक्ति तुरंत सारी जानकारी अपने हाथों में चाहता है।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफसर बी.आर. कांबोज ने ई-बुक्स अकादमिक संग्रह पर प्रभावी उपयोग और प्रशिक्षण कार्यशाला विषय पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में को संबोधित करते हुए कही। कार्यशाला का आयोजन विश्वविद्यालय की नेहरू लाइबे्ररी की ओर से किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि वर्तमान समय में ई-बुक्स से शिक्षाजगत को सबसे ज्यादा फायदा मिला है क्योंकि इस समय सभी शिक्षण संस्थान और पुस्कालय बंद हैं। ऐसे में इसकी अधिक जरूरत हो गई है। उपयोगकर्ताओं को पुस्तकालयों में मुद्रित पुस्तकों के बजाय ई-पुस्तकों का उपयोग करना पड़ा है। इस महामारी के दौर में डिजिटल सूचना संसाधन हमारे अध्ययन एवं अध्यापन में अति महतवपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ई.बुक्स आज के समय की मांग है। इसलिए मौजूदा समय में हर प्रकार की शिक्षा संबंधी सामग्री ई-बुक्स के माध्यम से इंटरनेट पर उपलब्ध हो रही है। मुद्रित पुस्तकों की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक पुस्तकों के पाठक अपने अनुकूल विषयों को आसानी से तुरंत ऑनलाइन माध्यम से खोज सकते हैं। इससे न केवल समय बल्कि पैसे की भी बचत होती है और वांछित जानकारी तुरंत मिल जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनियाभर के विश्वविद्यालयों में शिक्षा और अनुसंधान गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इस तरह के वेबिनार से विद्यार्थियों और शिक्षकों को ई-पुस्तकों से विशेष रूप से ई-संसाधनों का फायदा उठाने के लिए मदद मिलेगी और वे उन्हें अपने शोध और शिक्षण में लागू कर सकेंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ जबकि समापन राष्ट्रगान से किया गया। सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र जारी किए गए।
ई-डाटा बेस में दो लाख से अधिक ई-पुस्तकें मौजूद
कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर पुस्कालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने सभी मुख्यातिथि एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की रूपरेखा एवं विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस वेबिनार में करीब 500 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया। उन्होंने बताया कि यह ई-बुक्स डॉटा बेस विश्वविद्यालय के छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। इस डेटाबेस में ई-फॉर्म में 2.7 लाख से अधिक ई-पुस्तकें और अन्य दस्तावेज शामिल हैं। वरिष्ठ प्रशिक्षण प्रबंधक रितेश कुमार ने एबस्को ई-बुक पैकेज और इसकी विशेषताओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में नेहरू पुस्तकालय के डॉ. राजीव कुमार पटेरिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया जबकि मंच संचालन सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ.भानु प्रताप ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, विद्यार्थी एवं प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।

Related posts

गुजवि के चार विद्यार्थियों का हुआ इंफोसिस में चयन

शनिवार को जिले के 30 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव आदमपुर क्षेत्र में

Jeewan Aadhar Editor Desk

मेयर सरदाना ने श्री श्याम संग परिवार को सम्मानित किया