श्रद्धालुओं ने लिया महाराज अरूट के नक्शे कदम पर चलने का आह्वान
हिसार,
ऑल इंडिया अरोड़ा खत्री पंजाबी कम्युनिटी के आह्वान पर देशभर में महाराजा अरूट जयंति सप्ताह मनाया गया। इस दौरान सभी जगह महाराजा अरूट जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके श्रद्धापूर्वक और उल्लास से कार्यक्रम आयोजित किए गए और उनके द्वारा दिखाए नक्शे कदम पर चलने का संकल्प लिया गया।
इसी कड़ी में हिसार के कार्यक्रम को स्थानीय भारती सेवा सदन धर्मशाला 12 क्वार्टर रोड हिसार में सरकार की कोविड—19 की गाइडलाइन के अनुसार सामाजिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजर के व्यवस्था के साथ मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भारती सेवा सदन धर्मशाला के वरिष्ठ उप प्रधान ओमप्रकाश असीजा काबरेल वाले थे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता ऑल इंडिया अरोड़ा खत्री पंजाबी कम्युनिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यवंशी कमल हांडा ने की सर्वप्रथम महाराजा अरूट जी के चित्र पर माल्यार्पण कर महाराजा अरूट जी की आरती गायन किया गया। उसके बाद पूर्व पार्षद मनोहर लाल नांगरु, धर्मशाला के सचिव अमरनाथ बत्रा ने महाराजा अरूट जी की जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके दिखाए रास्ते पर चलकर समाज को एक सूत्र में पिरोने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यवंशी कमल हांडा ने हिसार में महाराजा अरूट जी की मूर्ति स्थापना के लिए प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार किया और इस विषय में एक प्रतिनिधि मंडल बनाकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलकर सरकार को प्रस्ताव देकर भूमि एवं प्रतिमा स्थापित करने के लिए निवेदन किया जाएगा।
मुख्य अतिथि ओमप्रकाश असीजा काबरेल वालों ने महाराजा अरूट जयंति के अवसर पर पूरी बिरादरी को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए सभी को आगे आने का आह्वान किया। इस अवसर पर सभी ने वयोवृद्ध समाजसेवी बीके भारती को भी श्रद्धासुमन अर्पित किये जिन्होंने हर वर्ष महाराजा अरूट की जयंती को मनाने का प्रण लिया हुआ था और उन्होंने अंतिम श्वांसों तक अपने प्रण को निभाया। यह पहला अवसर था जब महाराजा अरूट जी की जयंती को हिसार में उनके बिना मनाया गया।
कार्यक्रम में श्रवण असीजा आरे वाले, सुनील अरोड़ा, चन्द्रभान अरोड़ा, गोकुल चंद नारंग, ओमप्रकाश बजाज, रामधन नारंग, नरेश ठकराल, संजय गाबा आदि भी उपस्थित थे। इस अवसर पर देश में अनेक स्थानों पर वृद्ध आश्रम, मंदबुद्धि आश्रम, कुष्ट रोगी आश्रम, गौशाला आदि में भोजन व फलों की भेंट देकर, नकद अनुदान देकर, मंदिर और गुरुद्वारों में प्रार्थना और अरदास करके, सामूहिक रूप से एकत्रित होकर बैठक कर प्रसाद का वितरण करके, रात को घरों में दीप जलाकर, कॉरोना के मरीजों को फल, दवाइयां, मास्क, सैनिटाइजर आदि बांटकर, घरों को सैनिटाइज करके और यहां तक कि जो महामारी के कारण कहीं सामुहिक रूप से एकत्रित नहीं हो पाए उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर महाराजा अरूट जी के चित्र पर माल्यार्पण करके आरती गाकर, केक काटकर, मिठाई-फलों को प्रसाद रूप में ग्रहण किया। इस अवसर पर परमपिता परमात्मा से प्रार्थना की गई कि शीघ्र ही इस महामारी से पूरी पृथ्वी को बचाया जाए।