हिसार

आशा वर्करों ने जताया ऐप डाउनलोड करवाने का विरोध, दिया ज्ञापन

बोली, इससे आशाओं का पर्सनल डाटा होगा शेयर, प्रदर्शन की चेतावनी

हिसार,
सीटू से संबंधित आशा वर्कर्स यूनियन ने ऐलान किया है कि आशा वर्कर्स एमडीएम 360 शिल्ड ऐप डाउनलोड नहीं करेंगी। यूनियन का कहना है कि विभाग चाहे तो अपने फोन वापस ले सकता है। इस संबंध में आशा वर्कर यूनियन की ओर से हिसार में स्वास्थ्य अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया है।
आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान प्रवेश कुमारी, राज्य महासचिव सुरेखा एवं जिला अध्यक्ष सीमा ने संयुक्त बयान में बताया कि आशा वर्कर से पिछले लंबे समय से ऑनलाइन काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। आशाओं ने बिना डाटा बिना फोन और बिना ट्रेनिंग के ऑनलाइन काम न करने के लिए पहले भी अपना विरोध दर्ज करवाया था और इन मांगों के लिए एक लंबा आंदोलन चला था, तब कहीं जाकर विभाग ने आशाओं को फोन मुहैया करवाए हैं जिसमें आशा ऑनलाइन काम कर भी रही है। अब विभाग ने इस फोन के अंदर एमडीएम 360 फील्ड एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया है परंतु यह एक सर्विलांस ऐप है जिसके माध्यम से विभाग इस फोन के अंदर कोई भी चीज अपलोड कर सकता है। किसी भी चीज को डिलीट कर सकता है, आशाओं की लोकेशन ट्रेस कर सकता है। आशाएं तो सभी महिलाएं हैं परंतु इनके कोऑर्डिनेटर और ऑफिसर ज्यादातर पुरुष हैं। साधारण परिस्थितियों में भी आशाओं के सेक्सुअल हैरेसमेंट के मसले हमारे सामने आए हैं। एरिया में काम करते वक्त भी आशाओं को कई तरह की धमकियां मिलती रही हैं। अब आशा के फोन की हैंडलिंग यदि विभाग के हाथ में होती है तो आशाओं को और भी कई तरह से ब्लैकमेल करने या उनके साथ किसी भी तरह की दुर्घटना होने की संभावना कई गुना बढ़ जाते हैं। इन सब तथ्यों को छोड़ भी दें तो भी स्वयंसेवी महिलाओं के फोन में ऐसी सर्विलांस किसी भी तरह से उपयुक्त नहीं है।
आशा यूनियन नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों में विभाग द्वारा आशा वर्कर्स के जिले के नेताओं पर विवेश पुराण प्रताड़ित करने एवं अपमानित करने के मामले भी सामने आए हैं। उन्हें विभाग को सूचित किए बिना एरिया छोड़ने की धमकियां भी दी गई थी। अब यदि साधारण समय में विभाग आशा वर्कर्स के लीडर्स को खुद पीड़ित एवं प्रताड़ित कर सकता है, उनको धमकियां दी जा सकती हैं तो ऐसी सर्विलांस के बाद तो उनके फोन के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करके उन पर किसी भी तरह के झूठे आरोप लगाए जा सकते हैं।
आशाएं विभाग के सबसे निचले पायदान पर काम करती हैं इसलिए आशाओं के अनेक ऑफिसर से और बहुत बार हमने यह भी देखा है कि आशा अपने काम तो करती ही है कई बार उनके काम भी उन्हें करने पड़ते हैं ना करने पर कई प्रकार के दबाव बनाए जाते हैं। आशा के फोन की हैंडलिंग इन्हीं ऑफिसर के हाथ में होने के बाद यह ब्लैक मेलिंग कितने गुना बढ़ सकती है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
यूनियन नेताओं ने कहा कि आशा वर्कर रात में भी अपने मरीजों के साथ अस्पताल आती जाती रहती है, उनकी लोकेशन ट्रेस करके उनके साथ ऐसे समय में दुर्घटनाओं की रफ्तार काफी बढ़ सकती है। आशाएं तकनीकी रूप से इतनी ज्यादा जानकार भी नहीं है कि वह बहुत ही सावधानीपूर्वक अपने पर्सनल डाटा को और विभागीय डाटा को बिल्कुल अलग—अलग रख सकें। इसलिए उनकी पर्सनल लाइफ में हस्तक्षेप भी विभाग उनके कम जानकारियों का फायदा उठाते हुए कर सकता है। इन तमाम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने तय किया है कि आशा वर्कर एमडीएम 360 शील्ड ऐप बिल्कुल भी डाउनलोड नहीं करेंगी। इसी के चलते पूरे हरियाणा की आशाओं ने अपने-अपने सीएमओ के माध्यम से विभाग के उच्चाधिकरियों व सरकार को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में विभाग द्वारा या कार्रवाई तुरंत ना रोके जाने पर 7 जून को जबरदस्त प्रदर्शन किए जाएंगे।

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