हिसार

अब अधिक मात्रा में तैयार हो सकेंगे विभिन्न फसलों के गुणवत्तापरक बीज : कुलपति

रामधन सिंह बीज फार्म पर नए बीज प्रसंस्करण संयत्र का उद्घाटन, कहा फार्म का भी मैकेनाइजेशन

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में अब विभिन्न फसलों के गुणवत्तापरक बीज और अधिक मात्रा में तैयार किए जा सकेंगे। इससे विश्वविद्यालय द्वारा बीज तैयार करने के लिए ऊर्जा व लेबर पर होने वाला खर्च भी कम होगा।
यह बात विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने विश्वविद्यालय में स्थित रामधन सिंह बीज फार्म पर स्वचालित नए बीज प्रसंस्करण संयत्र का बटन दबाकर उद्घाटन करने के उपरांत कही। उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे फसल उत्पादन पर आने वाले खर्च को कम करने के लिए फार्म पर नवीनतम फसल उपकरण स्थापित करें। इससे कृषि के कार्य आसानी से हो सकेंगे व लेबर की अनुपलब्धता या महंगी होने पर मशीनों द्वारा एक तरफ शीघ्र कृषि क्रियाएं पूर्ण की जा सकेंगी। उन्होंने फार्म की प्रति इकाई उत्पादनशीलता को बढ़ाने के लिए ड्रोन तकनीक को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा जारी रैंकिंग में सभी राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की श्रेणी में विश्वविद्यालय द्वारा तीसरा स्थान हासिल करने पर सभी वैज्ञानिकों व विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी।
अनुसंधान निदेशक डॉॅ. एस.के. सहरावत ने बताया कि रामधन सिंह बीज फार्म को बीज उत्पादन करते हुए 20 वर्ष हो गए हैं और पिछले कई वर्षों से नए बीज प्रसंस्करण संयंत्र लगवाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे। कुलपति प्रो. समर सिंह ने इस ओर तुरंत ध्यान देते हुए नए बीज प्रसंस्करण संयंत्र को लगवाने के लिए वित्तीय व्यवस्था करवाकर इसे स्थापित करवाया है। इससे किसानों के लिए गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन को गति मिलेगी। इससे आने वाले समय में विश्वविद्यालय द्वारा किसानों के लिए बीज वितरण में सुगमता होगी।
संयंत्र की 30 क्विंटल प्रति घंटा है बीज प्रसंस्करण क्षमता : डॉ. रामनिवास
रामधन सिंह बीज फार्म के निदेशक डॉ. रामनिवास ने बताया कि यह संयंत्र बीज प्रसंस्करण की नवीनतम तकनीक पर आधारित है तथा इसकी बीज प्रसंस्करण की क्षमता 30 क्विंटल प्रति घंटा है। इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा करीब 57 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी। यह बीज प्रसंस्करण स्वचालित है। यह सयंत्र बीज प्रसंस्करण प्रीक्लीनर, ग्रेडर, इनडैंट सिलैण्डर, ग्रेविटी सेपरेटर, एलीवेटर व बीज उपचारक जैसी नवीनतम मशीनों से लैस है और एकल समन्वित प्रणाली पर आधारित है। इससे बीज प्रसंस्करण में बीज की गुणवत्ता बढ़ती है और इससे बिजली पर आने वाला खर्च कम होता है। इससे किसानों को बिजाई के लिए अधिक गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध हो सकेगा।
ये भी रहे मौजूद
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति के ओएडी एवं मानव संसाधन निदेशालय के निदेशक डॉ. एम.एस. सिद्धपुरिया, कुलसचिव डॉ. बी.आर. कम्बोज, वित्त नियंत्रक नवीन जैन, मुख्य अभियंता भूपेंद्र सिंह के अलावा सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक एवं विभागाध्यक्ष मौजूद थे।

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