हिसार

सरकार ने गेहूं पर आढ़त कम करके धोखा किया : बजरंग गर्ग

कपास, सरसों व चना की सीधी खरीद करके आढ़तियों को बर्बाद करने पर तुली केन्द्र सरकार

हिसार,
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा है कि सरकार आढ़ती, मजदूर व किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। मंडियों के आढ़तियों को जो आढ़त 2.5 प्रतिशत मिला करती थी और गेहूं पर जो आढ़त 49.37 रुपए बनती थी उसे घटाकर सरकार ने 46 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।
बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार ने चुनाव में आढ़तियों की आढ़त तीन प्रतिशत करने का वादा किया था। सरकार द्वारा खरीद की गई धान की लोडिंग की लेबर 1.88 रुपए प्रति क्विंटल सरकार की तरफ बाकी है जो कि 10 महीने बीत जाने के बावजूद भी अभी तक सरकार ने धान की लोडिंग की पेमेंट नहीं दी है। यहां तक कि 2020 की खरीदी गई गेहूं का काटा गया ब्याज व सरकारी खरीद एजेंसी द्वारा 2019 की खरीदी गई गेहूं का भुगतान लेट करने का जो ब्याज बनता है सरकार ने अभी तक नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कई बार ब्याज देने की घोषणा कर चुके हैं।
बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार की खरीद एजेंसियों द्वारा कपास, सरसों व चना की सीधी खरीद किसानों से की जा रही है। कपास, सरसों व चना की खरीद सीधी करने से आढ़तियों को आढ़त नहीं मिलती। सरकार को किसान की हर फसल मंडी के आढ़तियों के माध्यम से खरीदनी चाहिए। सरकार ने अनाज मंडियां बनाकर आढ़तियों को व्यापार करने के लिए दुकानें बेच रखी है और आढ़त का काम करने के लिए सरकार ने आढ़तियों को मार्केट बोर्ड के माध्यम से लाइसेंस दिए हुए हैं। फिर भी अगर सरकार फसल आढ़ती के माध्यम से ना खरीद कर सीधे सरकारी एजेंसियां खरीदेगी तो मंडी में आढ़ती दुकान करके क्या करेगा। किसान की हर फसल मंडी के आढ़तियों के माध्यम से खुली बोली में बिकनी चाहिए ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिल सके व आढ़तियों को अपनी आढ़त मिल सके। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार नए-नए नियम लागू करके आढ़ती, किसान व मजदूरों को नाजायज तंग करने में लगी हुई है जो सरासर गलत है।

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